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Tenant Rights : किराए पर घर लेने से पहले न करें ये लापरवाही, बाद में हो सकती है मुशिबत

Tenant : आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी कोई मिडिल क्लास का व्यक्ति नौकरी लगता है तो उसे शहर में रहना पड़ता है। फिर चाहे वो नौकरी प्राइवेट हो या फिर सरकार उसे शहर में रहना पड़ता है। ऐसे में उसका इतना बजट नहीं होता कि वह शहर में खुद का मकान खरीद सकें तो वो किराए पर ही रहता है। लेकिन अगर आपके साथ भी ऐसा है अगर आप भी किराए पर रहने के लिए घर लेते है तो किराए पर रहने से पहले आपको इन बातों का जरूर ध्यान रखना है। वरना आपको बाद में पछतावा होगा। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में.

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Tenant Rights : किराए पर घर लेने से पहले न करें ये लापरवाही, बाद में हो सकती है मुशिबत

HR NEWS HUB (ब्यूरो) : आपको पता ही होगा के हमारे देश में बेरोजगार कितने है और ऐसे में लाखों लोग रोजगार की तलास में गांव से शहर जाते है। जहां उन्हें रहने के लिए किराये पर घर(house on rent) भी लेना होता है। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में ऐसे तमाम लोग किराये के घर में रहते हैं, सभी अपनी जरूरत के हिसाब से रूम या फिर फ्लैट(room or flat on rent) लेते हैं और उसका किराया चुकाते हैं। किराये पर रहने वाले लोगों के लिए कुछ चीजों का खयाल रखना भी काफी जरूरी है, जिससे उन्हें आगे परेशानी नहीं होगी। आज हम उन्हीं बातों के बारे में आपको बता रहे हैं। 

नियम और शर्तों को लेकर बात :

अगर आप किराये पर घर ले रहे हैं तो सबसे पहले मकान मालिक से सभी नियम और शर्तें जान लें। रात में कितने बजे तक घर पर आ सकते हैं या फिर कौन सी चीजें घर पर नहीं कर सकते, ये सब कुछ आपको पहले ही पता होना चाहिए। 

रेंट एग्रीमेंट जरूरी :

किराये पर रहने से पहले रेंट एग्रीमेंट जरूर बना लें, एग्रीमेंट (rent agreement) में ये चीज देख लें कि किराया कितना लिखा है और बाकी चार्ज के बारे में क्या लिखा गया है। रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) पर मकान मालिक के भी साइन होने जरूरी हैं और इसकी एक कॉपी संभाल कर रख लें। 

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इंटरनेट कनेक्टिविटी :

कई घर ऐसे होते हैं, जहां पर मोबाइल नेटवर्क बिल्कुल नहीं आते हैं। ऐसे में आप सबसे पहले ये चेक कर लें कि घर के अंदर हर कमरे में मोबाइल नेटवर्क आ रहे हैं या फिर नहीं। ऐसा नहीं करने पर आगे आपको परेशानी हो सकती है। 

बिजली-पानी का बिल :

जिस घर को आप किराये पर ले रहे हैं, उसमें किस तरह का मीटर (meter) लगा हुआ है और मकान मालिक (landlord) आपसे प्रति यूनिट कितना चार्ज वसूलेगा, इस बात को पहले से ही क्लियर कर लें। बिजली और पानी के बिल को लेकर हर चीज क्लियर रखें।

घर में रखी चीजों की जांच :

आपको शिफ्ट होने के बाद सबसे पहला काम ये करना है कि घर में रखी चीजों की तस्वीरें लेनी हैं, जिससे आपको बाद में ये नहीं कहा जा सके कि आपने कुछ चीजों को नुकसान पहुंचाया है। अगर कोई चीज टूटी है या खराब है तो इसकी जानकारी तुरंत मकान मालिक को दें। 

मरम्मत होने पर लागत कौन भरेगा?

कौन सी लागतें किरायेदार द्वारा भुगतान की जानी हैं, जैसे कि निर्माण या मरम्मत की लागतें? आपको अलग से भरना है या फिर आप रेंट में ही शामिल करके ये चार्ज देने वाले हैं? किरायेदार को इस मामले पर मकान मालिक से बातचीत कर लेनी चाहिए?

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सुविधाएं और सुरक्षा पर क्या नियम है?

बहुत सारे किरायेदार अब नियमित तौर पर सिक्योरिटी डिपॉजिट के साथ कुछ क्राइटेरिया को पूरा करने की मांग करते हैं। यह एक तरह की सुरक्षा होती है जिससे मकान मालिक अपनी प्रॉपर्टी देने से पहले सुरक्षित महसूस करते हैं। सिक्योरिटी डिपॉजिट या फिर एडवांस के तौर पर माना जाता है। मकान मालिक ये अमाउंट अपनी प्रॉपर्टी के मुकाबले कॉलेटरल के तौर पर लेते हैं। 

साथ ही मकान मालिक से ये जान लें कि जब आप मकान छोड़ेंगे तो एडवांस का कितना पैसा रिफंडेबल होगा। क्या आपको किसी तरह की सुविधाएं मिलेंगी, जैसे पार्किंग, वाटर सप्लाई, बिजली, गैस, और इंटरनेट? क्या मकान में सुरक्षा की सुविधाएं हैं, जैसे कि सुरक्षा कैमरे, सुरक्षित दरवाजे और लॉक्स?