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Rights Of Tenant : मकान मालिक कभी नहीं करेगा तंग, किराएदार जाने अपने अधिकार

Property Rights as Tenant : आपने अक्सर देखा होगा किराएदार और मकान मालिक के बीच अक्सर झगड़े होते रहते है। आपको पता ही होगा कि मकान मालिक अपने मन मर्जी का किराया मांगते और लेते है। लेकिन फिर बाद में विवाद होते रहते है। ऐसे में आज आपको बताएंगे कि किराएदार के पास क्या-क्या अधिकार होते है। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में डिटेल से।

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Rights Of Tenant : मकान मालिक कभी नहीं करेगा तंग, किराएदार जाने अपने अधिकार

HARYANA NEWS HUB : बीते कुछ समय में ऐसे कई केस सामने आएं हैं जहां मकान मालिक ने किराएदार को गलत तरीके से परेशान( harassing the tenant unfairly ) किया है। कई किराएदारों को बिना पूर्व सूचना के दबाव बनाकर घर खाली( house empty ) करा लिया गया। या तो किराया राशि बढ़ा दी गई। साथ ही यह रेंट कंट्रोल एक्ट( Rent Control Act ) 1948 का उल्लंघन है। इस एक्ट के तहत किराएदार और मकान मालिक के अधिकारों( landlord's rights ) के नियमों को साफ कर दिया गया है। इसलिए किराएदार को अपने अधिकारों( tenant rights ) को जानना बेहद जरूरी है।

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कोरोना महामारी के चलते बड़ी संख्या में किराएदार बड़े शहरों से अपने गांव-कस्बों में लौट गए थे। बीते दिनों आई रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना के बाद कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी मेट्रो शहरों में लौटे तो उन्हें मकान मालिक की ओर से अधिक किराए की मांग की गई। दिल्ली एनसीआर में बड़े पैमाने पर मकान मालिकों ने घरों के किराए बढ़ा दिए। जिस वजह से किराएदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।

रेंट कंट्रोल एक्ट 1948 के अनुसार अगर आप अपने मकान मालिक से परेशान हैं या वह अच्छा व्यवहार नहीं करता है तो आपको बतौर किराएदार अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए सबसे जरूरी है रेंट एग्रीमेंट, इसमें लिखी गई बातों पर ध्यान देना जरूरी है। ज्यादातर मकान मालिक टैक्स आदि से बचने के लिए किराए राशि सही नहीं दर्ज कराते हैं। इसको लेकर आपको सावधान रहने की जरूरत है।

यह जान लें कि कोई भी मकान मालिक अपने किराएदार को बिना वैलिड रीजन या एग्रीमेंट में तय समय से पहले घर से बाहर नहीं निकाल सकता है। रेंट एक्ट के अनुसार यदि किराएदार ने 2 महीने का रेंट नहीं दिया है और घर को कॉमर्शियल काम के लिए इस्तेमाल कर रहा है और यह बातें एग्रीमेंट में नहीं लिखी गई हैं तो मकान मालिक घर या संबंधित प्रॉपर्टी खाली करा सकता है। वहीं, इस स्थिति में भी मकान मालिक के लिए यह जरूरी है कि वह किराएदार को घर खाली करने के लिए कम से कम 15 दिन का नोटिस दे।

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जरूरी सेवाओं की उपलब्धता :

किराएदार को घर में जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है। जैसे कि इलेक्ट्रीसिटी, वॉटर सप्लाई, सैनीटेशन, पार्किंग आदि। मकान मालिक कभी भी इन सेवाओं को उपलब्ध कराने से मना नहीं कर सकता है। मकान मालिक तभी मना कर सकता है जब किराएदार ने 2 महीने का किराया नहीं दिया हो या दूसरी किसी तरह का बकाया नहीं हो।