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Kisan Andolan : सरकार और किसानों के बीच MSP कमेटी को लेकर आज चौथे राउंड की मीटिंगय, क्या कर्जमाफी और पेंशन पर आगे बढ़ेगी बात

Farmer Protest Updates : बीते पांच दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. पंजाब हरियाणा की दिल्ली से लगने वाले बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. कड़ाके की सर्दी के बीच खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों से झड़प भी हो रही है.किसान नेताओं और सरकार के बीच आज चौथे दौर की बातचीत होनी है।उससे पहले तीन दौर की बातचीत में सरकार की ओर से 10 मांगें मान ली गई हैं। आज होने वाली बैठक में सरकार MSP को लेकर कमेटी का प्रस्ताव दे सकती है।

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Kisan Andolan : सरकार और किसानों  के बीच MSP कमेटी को लेकर आज चौथे राउंड की मीटिंगय, क्या कर्जमाफी और पेंशन पर आगे बढ़ेगी बात

HARYANA NEWS HUB : किसानों ने अपनी मांगों (Farmers expressed their demands) को लेकर 'दिल्ली चलो मार्च' (Delhi let's march')का ऐलान किया था, लेकिन पंजाब से चले किसानों को हरियाणा के शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर रोक लिया गया। शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों को छह दिन हो चुके हैं। इस बीच आज चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के बीत चौथे दौर की वार्ता होनी है।इससे पहले हुई तीन दौर की वार्ताओं में सहमति नहीं बन पाई है।


आज होने वाली बैठक से पहले इस आंदोलन का नेतृत्व (leadership of the movement) कर रहे किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हमें छह दिन हो गए हैं और आज वार्ता  भी हो रही है, जब सरकार से हमने वार्ता की है तो सरकार ने कहा कि हमें समय तो हम केंद्र के साथ उनके बड़े मंत्रियों से बात करके इसका हल निकालेंगे।जिस  तरह आप जानते हैं कि 27 रुपये में हम प्रतिदिन गुजारा करते हैं।

लगातार किसान और मजदूर की हालत बिगड़ रही है।जो हम लागत खर्चा लगा रहे हैं   कि बीज, खाद, खेती मशीनगरी, मजदूर के खर्चों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन जो हमें फसलों के दाम दिए जाते हैं, वो हमें कभी भी उचित नहीं मिले  जैसे हम एमएसपी, कम से कम जो सहायता मूल्य दिया जाता है, इसके नाम से स्पष्ट होता है कि हमें कभी भी उचित नहीं मिला."  

किसान-सरकार के बीच तीन दौर की हो चुकी बातचीत 

इससे पहले किसान नेताओं और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को मीटिंग हुई है, लेकिन इनमें कोई सफलता नहीं मिली। दरअसल किसान फसलों के न्यूनत समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी पर कानून की मांग पर अड़े हुए हैं।किसानों की सरकार से 13 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें से सरकार की ओर 10 मांगों को मान लिया गया है  बात सिर्फ तीन मांगों पर अटकी हुई है।ये मांगें हैं- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन 


कृषि मंत्री ने भी जताई सफल वार्ता की उम्मीद

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी उम्मीद जता चुके हैं कि आज किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में कोई न कोई समाधान निकलेगा।उन्होंने कहा कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे।ऐसे में यह भी चर्चा है कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी पर कमेटी  बनाने का प्रस्ताव दे सकती है।हालांकि इस पर मुहर लगेगी या नहीं और किसान दिल्ली कूच को अड़े रहेंगे या फिर घर वापसी करेंगे? इन सवालों के जवाब अब बैठक   के बाद ही मिल सकेंगे. 

इससे पहले किसान नेता पंढेर ने आजतक से बात करते हुए कहा था  हम पॉजिटिव माइंड सेट के साथ मीटिंग में जाएंगे।हम चाहते हैं सरकार भी पॉजिटिव हो और मीटिंग में कुछ अच्छा निकले।हमारा माइंड सेट तो ये है  बैठक में जाएं और कुछ लेकर ही आएं।हम चाहते हैं सरकार इस मसले का हल करे।हम चाहते हैं सरकार MSP खरीद की गारंटी का कानून बनाए।अब सरकार तय करे इसे कैसे बनाना है।हम चाहते हैं कि मीटिंग में कुछ हमें पॉजिटिव मिल जाए और फिर हम जीत के नारे लगाते हुए घर जाएं."  

क्या हैं किसानों की मांगें?    


1।सभी फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए.
2।डॉ।स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए।सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले. 
3।किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए।किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा  
4।60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए.
5।भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।6।लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।आरोपियों की जमानत रद्द की जाए.
7।मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

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8।विद्युत संशोधन विधेयक 2020  को रद्द किया जाए.
9।मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए।10।किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं. 
11।नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।फसल बीमा सरकार खुद करे.
12।मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
13।संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.  

हरियाणा में इंटरनेट पर बैन बढ़ाया गया 

किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी को बढ़ाया दिया गया है।अब 19 फरवरी रात 12 बजे तक अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।इसको लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से एक बार फिर  सर्कुलर जारी किया गया है।इन जिलों में 11 फरवरी सुबह 6 बजे से इंटरनेट पर बैन लागू है।इसके अलावा कई जिलों में धारा 144 भी लागू है।