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बेटी ने की लव मैरिज, ससुर ने दामाद पर किया केस, जानिए High Court का फैसला

High Court Decision : आज के समय में लव मैरिज करना बेहद आम बात हो गई है। लड़के-लड़की अपने पसंद के पार्टनर से शादी करते हैं और जिंदगी जीते हैं। पर कुछ माता-पिता अभी भी पुरानी सोच रखते हुए अपने बच्चों को लव मैरेज से दूर रहने की सलाह देते है। ऐसा ही इस मामले में हुआ है बेटी ने लव मैरिज कि और पिता ने दामाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। आइए नीचे आर्टिकल में जानते है हाई कोर्ट के इस फैसले के बारे में.

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बेटी ने की लव मैरिज, ससुर ने दामाद पर किया केस, जानिए High Court का फैसला 

HARYANA NEWS HUB : बेटी ने लव मैरिज( love marriage ) कर ली, तो पिता ने अपने ही दामाद पर FIR दर्ज करवा दी। जब मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court ) पहुंचा तो कोर्ट ने माता-पिता पर तल्ख टिप्पणी की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेम विवाह( love marriage news ) करने वाले लड़के के खिलाफ एफ आई आर दर्ज( FIR registered ) कराने वालों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए खिंचाई की है।

हाईकोर्ट ने कहा है कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी समाज में ऐसी शादियों की स्वीकार्यता नहीं बन सकी है। समाज में इसकी जड़ें गहरी बनी हुई है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि बालिग जोड़े को वैयक्तिक स्वतंत्रता है, यानि वह अपनी मर्जी से अपना जीवनसाथी चुन सकते हैं और जीवन जी सकते हैं।

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हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता :

हाईकोर्ट ने कहा है कि दोनों पति-पत्नी की तरह राजी खुशी से साथ रह रहे हैं। उनके बच्चा भी पैदा हुआ है। अब शादी को स्वीकार कर लेने में कोई अवरोध नहीं है। लड़की के परिवार ने नाबालिग लड़की के अपहरण का केस दर्ज कराया है। पुलिस चार्जशीट पर अदालत ने सम्मन भी जारी किया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि केस चलाने का कोई औचित्य नहीं है।

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कोर्ट ने केस कर दिया रद्द :

कोर्ट ने नदी गांव थाने में दर्ज एफआईआर के तहत जालौन उरई की अपर सत्र अदालत/विशेष अदालत पाक्सो में विचाराधीन आपराधिक केस को रद्द कर दिया है। यह आदेश जस्टिस प्रशांत कुमार की सिंगल बेंच ने सागर सबिता व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है।


याची का कहना था कि उसने विपक्षी से प्रेम विवाह किया, इससे विपक्षी के पिता खुश नहीं थे। तो अपहरण करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करा दी। दोनों खुशहाल जीवन जी रहे हैं। ऐसे में आपराधिक केस चलाने का औचित्य नहीं है। जिस पर कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली और आपराधिक केस रद्द कर दिया।