up weather : यूपी वाले जाने अगले एक सप्ताह का मौसम कैसा रहेगा
UP Ka Mausam : आपको बता दें कि यूपी में मौसम लगातार अपनी करवट बदल रहा है। दरअसल इस महीने में रात और दिन में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस का अंतर बना हुआ है। ऐसे में आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि अगले एक सप्ताह का मौसम आइए जानते है नीचे आर्टिकल में.
HARYANA NEWS HUB : यूपी में सर्दी का असर( Effect of winter in UP ) कम हो रहा है। मौसम धीरे-धीरे शुष्क हो रहा है। हवा में नमी का स्तर गिर रहा है। इस महीने में दिन और रात के तापमान में 15 डिग्री सेल्सियस का अंतर बना हुआ है। रविवार को पछुआ हवाओं( up weather today ) के कारण हवा में न्यूनतम नमी 38 फीसदी रही। जबकि अधिकतम नमी 74 फीसदी रही। पहाड़ों से आ ठंडी हवाओं के कारण बीते 24 घंटे में न्यूनतम और अधिकतम नमी में इजाफा हुआ है।
रविवार को दिन में चटख धूप रही। दिन चढ़ने के साथ सूरज के तेवर तल्ख हुए। पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं ने सूरज को लाल नहीं होने दिया। गोरखपुर( gorakhpur wearther ) में रविवार को दिन में अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस (डिसे) कम है। इस महीने में दिन में औसतन अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस रहता है। वहीं इन दिनों रात का तापमान भी सामान्य से कम बना हुआ है।
रविवार को रात का न्यूनतम तापमान 13.1 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम है। जबकि इस महीने में औसतन न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस रहता है। मौसम विशेषज्ञ केसी पांडे के मुताबिक अगले एक हफ्ते तक बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है। हालांकि आसमान में बादल जरूर छाए रहेंगे।
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दूषित हवा-धूल, बदलते मौसम से बढ़ रही एलर्जी :
प्रदूषित हवा, धूल, बदला मौसम, दवा समेत कई कारणों से बच्चे एवं बड़े बड़ी संख्या में एलर्जी की चपेट में आ रहे हैं। एलर्जी त्वचा, नाक, फेफड़ा सहित शरीर के दूसरे अंगों में हो सकती है। किसी वस्तु से भी एलर्जी हो सकती है। एलर्जी के सही कारण की पहचान होने पर इलाज संभव है। यह बातें पीजीआई के क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग के डॉ. विकास अग्रवाल ने रविवार को संस्थान में आयोजित इम्यूनो एलर्जी कॉन्क्लेव में कहीं। डॉ. विकास ने बताया कि एलर्जी से परेशान लोगों को महज एक इंजेक्शन से एक से डेढ़ माह राहत मिल जाती है।
एलर्जी इम्यूनोथेरेपी कारगर :
ऑस्ट्रेलिया के डॉ. प्रवीण हिसारिया ने बताया जिस चीज से एलर्जी होती है। उस वस्तु की थोड़ी मात्रा पीड़ित व्यक्ति को कुछ समय अंतराल पर नाक, मुंह व इंजेक्शन से दी जाती है। इसमें उस व्यक्ति में वस्तु के प्रति सहनशीलता पैदा करने की क्षमता पैदा हो जाती है। इससे आराम मिल जाता है। डा. कुनाल ने बताया कि दवा से होने वाली एलर्जी कई बार घातक होती है तो इलाज में इम्यूनोसप्रेसिव की जरूरत पड़ती है।
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लक्षण :
त्वचा पर चकत्ते पड़ना
खांसी, खुजलाहट
सांस लेने में तकलीफ
बार-बार छींक आना
दमे का अटैक
पेट में दर्द और उल्टी
कारण :
धूल और पराग
पशुओं के संपर्क से
मछली, डेयरी उत्पाद, नट
एस्पिरिन और पेनिसिलिन
बरैया और मधुमक्खियों
घास और चुभने वाले बिच्छू