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Maldives : मालदीव्स में सैनिकों के बदले भारत ने भेजी टेक्निकल टीम, जानिए

Maldives Indian Army : बता दे की हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने मालदीव्स में तैनात सैनिकों को रिप्लेस करने के लिए भारत से टेक्निकल टीम को मालदीव्स भेजा है। आईए जानते हैं कितने सैनिक रिप्लेस किए जाएंगे नीचे खबर में विस्तार से...

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 Maldives : मालदीव्स में सैनिकों के बदले भारत ने भेजी टेक्निकल टीम, जानिए

HARYANA NEWS HUB, माले : मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Maldives' new President Mohammed Muizzu) का रुख भारत विरोधी रहा है। उन्होंने मालदीव से भारतीय सैनिकों को निकालने को लेकर अपना पूरा चुनाव लड़ा था। इस बीच भारतीय सैनिकों की जगह लेने के लिए टेक्निकल कर्मियों (Technical personnel)  की टीम माले पहुंची है। भारत से टेक्निकल टीम का पहुंचना मुइज्जू सरकार के साथ एक समझौते का संकेत है। दरअसल मालदीव में 100 से भी कम संख्या में भारतीय सैनिक तैनात हैं। यह मालदीव में बचाव और राहत कार्य करते हैं। भारत ने मालदीव को कई हेलीकॉप्टर और विमान दिए थे, जिनके संचालन के लिए भारतीय सेना यहां मौजूद है।

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भारत की ओर से इसकी पुष्टि की गई है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल (Foreign Ministry spokesperson Randhir Jaiswal) ने कहा, 'मालदीव में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर को संचालित करने के लिए टेक्निकल कर्मियों की पहली टीम मालदीव पहुंच गई है। यह उन मौजूदा कर्मियों का स्थान लेगा जो अब तक इस प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे।' मालदीव सरकार ने बुधवार को इसकी घोषणा की थी। मालदीव में कुल 88 सैनिक तैनात हैं। इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि पहले बैच में कितने सैनिकों को रिप्लेस किया जाएगा।


भारत विरोधी हैं मुइज्जू-
सैनिकों को टेक्निकल स्टाफ से बदलना भारत का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। क्योंकि वह पहले इससे इनकार करता रहा है। 2018 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन (President Abdullah Yameen) कई मौकों पर भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग करते रहे हैं। राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने जब यामीन को चुनाव में हरा दिया तब जाकर यह मुद्दा शांत हुआ। लेकिन मोहम्मद मुइज्जू ने 'इंडिया आउट' ('India out') का अभियान पूरी ताकत से चलाया। 2023 में उन्होंने चुनाव भी जीता और सैनिकों की वापसी को प्राथमिकता बताया।

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10 मार्च से पहले होगी वापसी?
रिप्लेसमेंट का पहला बैच 10 मार्च की समय सीमा से पहले पहुंचा है। दिसंबर की शुरुआत में पीएम मोदी और राष्ट्रपति मोइज्जू (PM Modi and President Moizzu) की मुलाकात हुई थी। कथित तौर पर तब 10 मार्च तक सैनिकों को निकालने की तारीख दी गई थी। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक हाई लेवल कोर ग्रुप बनाया गया था। मोहम्मद मुइज्जू ने एक बयान में कहा था, 'सबसे हालिया चर्चा के मुताबिक तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक पर से सैन्य कर्मियों को 10 मार्च 2024 से पहले बुला लिया जाएगा। शेष दो प्लेटफार्मों पर सैन्य कर्मियों को भी 10 मई तक वापस बुला लिया जाएगा।' वहीं एक बयान में 15 मार्च तक मालदीव (maldives) छोड़ने को कहा गया था।