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Kharmas 2024 : 2 दिन बाद सूर्य मीन राशि में करेंगे प्रवेश, मांगलिक कार्यों पर लगेगी रोक

Kharmas 2024 : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास एक हिंदू ज्योतिषय घटना है। बता दें की हिंदू मान्यताओं के अनुसार खरमास के दिनों को बेहद ही खास माना जाता है। खरमास साल में दो बार लगता है जो की 1 दिसंबर से जनवरी तक धनु खरमास के नाम से और दूसरा मार्च अप्रैल के महीने में लगने वाला खरमास को मीन खरमास के नाम से जाना जाता है। आईए जानते हैं..  

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Kharmas 2024 : 2 दिन बाद सूर्य मीन राशि में करेंगे प्रवेश, मांगलिक कार्यों पर लगेगी रोक

HR NEWS HUB, ब्यूरो : भगवान सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 14 मार्च से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 13 अप्रैल तक विराजमान रहेंगे। इस अवधि को खरमास कहा जाता है, जिसमें सभी मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। इस दौरान धार्मिक कार्य जैसे पूजा-पाठ व हवन तो किए जा सकेंगे लेकिन शुभ एवं मांगलिक कार्य (Auspicious and Auspicious work) जैसे शादियां, ग्रह प्रवेश, सगाई, मुंडन काम नहीं किए जाएंगे।


ज्योतिषाचार्य पं. मनमोहन मिश्रा (Astrologer Pt. Manmohan Mishra) ने बताया कि हिंदू मान्यताओं में खरमास एक ज्योतिषीय घटना है। धार्मिक तौर पर खरमास के दिनों को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने बताया कि साल में दो बार खरमास लगता है। 1 दिसंबर से जनवरी तक (धनु खरमास) और दूसरा मार्च-अप्रैल माह में लगने वाले खरमास को मीन खरमास के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्च में जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है तो खरमास लगता है। इस बार खरमास 14 मार्च से शुरू होकर 13 अप्रैल को संपन्न होंगे। उन्होंने बताया कि माता की पूजा, नवरात्रि, होलाष्टक व होली खरमास के दौरान आ रहे हैं। ऐसे में कोई भी धार्मिक कार्य यानी पूजा-पाठ और हवन आदि किया जा सकता है, लेकिन किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं।

किए जा सकेंगे धार्मिक कार्य व पूजा-पाठ-
पं. मनमोहन मिश्रा (Astrologer Pt. Manmohan Mishra) ने बताया कि हर साल खरमास में सूर्यदेव के रथ के घोड़े आराम करते हैं। जो विभिन्न गतिविधियों के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने में महत्व रखते हैं। सूर्यदेव 14 मार्च को रात 12 बजकर 2 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। सूर्यदेव मीन राशि में 13 अप्रैल रात 9 बजकर 3 मिनट तक रहेंगे। इस पूरे एक महीने खरमास रहेगा। इसमें विवाह, मुंडन समारोह व गृह प्रवेश जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों पर रोक रहेगी। जबकि देवताओं, माता पूजन, ब्राह्मणों, गायों की पूजा व सेवा कार्य किए जा सकते हैं।

इसलिए है धार्मिक कार्यों की मनाही-
धार्मिक मान्यता है कि खरमास के दौरान सूर्यदेव बृहस्पति की राशि (zodiac sign of jupiter) में प्रवेश कर अपने गुरु की सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिससे सांसारिक कार्यों पर उनका प्रभाव कम हो जाता है। कहा जाता है कि इस कम प्रभाव की वजह से ही खरमास के दौरान किए गए शुभ कार्य अधिक सफल नहीं होते हैं। यही कारण है कि इस दौरान शुभ या मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है।