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हरियाणा की सड़कों पर आज नहीं दौड़ेगी रोडवेज बसें, रहेगा चक्का जाम

HARYANA NEWS : बता दें कि हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने आज राज्य भर में सभी सरकारी रोडवेज बसों की हड़ताल कि है। बता दें की सांझा मोर्चे प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि कर्मचारियों ने पिछली चार बार बातचीत को असफल बताया है। इसी मामले को लेकर सांझा मोर्चे ने आज 90 रूटों पर चक्का जाम किया है। आईए जानते हैं खबर को विस्तार से....

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हरियाणा की सड़कों पर आज नहीं दौड़ेगी रोडवेज बसें, रहेगा चक्का जाम

HARYANA NEWS HUB : हरियाणा रोडवेज कर्मचारी ने आज जिलेभर में सभी सरकारी बसों की हड़ताल का आह्वान किया है। इसका मुख्य कारण है कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार की अनधिकृतता और अनियमितता(unauthorizedness and irregularity)। इससे हर दिन कार्यालय, कॉलेज, स्कूल पहुंचने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं।


कर्मचारियों की मांग-

सांझे मोर्चे प्रतिनिधि मंडल (united front delegation) ने बताया कि कर्मचारियों ने पिछली चार बार बातचीत का प्रयास किया है, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है। इसके परिणामस्वरूप, हड़ताल का एक और चरण शुरू हो रहा है।

हड़ताल का प्रभाव-

हड़ताल के कारण जिलेभर में करीब 210 सरकारी बसें बंद हैं। इसमें से 190 बसें सरकारी हैं और 20 बसें किलोमीटर स्कीम की हैं। यह सभी बसें अंबाला डिपो (Ambala Depot) से निकलती हैं और इस वजह से दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

यात्रियों की समस्या-

करीब 90 से ज्यादा रूट एक साथ बंद हो जाने के कारण यात्री अपने कार्यालय, कॉलेज, और स्कूल (Office, College, and School) पहुंचने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, रोडवेज की हड़ताल के चलते यात्री प्राइवेट बसों का सहारा ले रहे हैं।

प्राइवेट बसों का सहारा-

रोडवेज की हड़ताल के चलते आज यात्रियों को प्राइवेट बसों का सहारा रहेगा। अंबाला जिले में कुल 14 रूट पर 69 प्राइवेट बसें नियमित रूप से चलती हैं। इसके अलावा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान, और दिल्ली छह प्रदेशों की बसें भी यात्रियों का सहारा रहेंगी।


अधिकारियों की लापरवाही-

कर्मचारी संगठनों के अनुसार, अधिकारियों ने वादग्रस्त कार्यवाही (litigated proceedings) की लापरवाही की है और कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है। यही कारण हड़ताल ही उनके पास बचा है ताकि सरकार से अपनी मांगों की पूर्ति हो सके।

भविष्य की संभावना-

अगर 24 की हड़ताल के बाद भी सरकार उनकी मांगों पर आमंत्रित नहीं होती, तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन (indefinitely) हड़ताल पर जा सकते हैं। यह एक सत्यापित जानकारी है कि रोडवेज कर्मचारी संगठनों ने सरकार से अपनी मांगों को लेकर अब तक कोई संरचनात्मक समाधान नहीं प्राप्त किया है।