Personal Loan : पर्सनल लोन लेकर न करें ये गलती, नही तो हो सकती है बड़ी परेशानी, जानिए वजह?
HARYANA NEWS HUB (ब्यूरो) : पर्सनल लोन उस समय काम आता है, जब हमें अचानक पैसों की जरूरत होती है। मगर कभी कभार हम जल्दीबाजी में गलती कर जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप पर्सनल लोन लेते समय सुरक्षित रह सकते हैं। हाल-फिलहाल के समय में लोगों में लोन लेने की आदत बढ़ी है. कुछ लोग अचानक कोई मुसीबत आने पर लोन लेते हैं लोग नई कार या घर खरीदने के लिए भी लोन लेते हैं.
कई बार लोग कारोबारी जरूरतों के लिए लोन लेते हैं. लोन लेना खराब नहीं है. इससे अक्सर लोगों को फायदा ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में लोन लेना भारी पड़ जाता है आइए जानते है पूरी जानकारी न्यूज़ में विस्तार से...
यहां एक उदाहरण से बात समझते हैं. मान लीजिए कि आपको कोई इन्वेस्टमेंट (investment) पर जबरदस्त रिटर्न (return) का ऑफर देता है या आपको लगता है कि कहीं पैसे निवेश कर आप मोटी कमाई कर सकते हैं.
अब समस्या ये है कि आपके पास निवेश करने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में आप बैंक से पर्सनल लोन उठा लेते हैं और निवेश कर देते हैं. निवेश के बारे में आपने जो सोच रखा था,
वह गलत साबित हो जाता है और आपको सही रिटर्न नहीं मिल पाता है. ऐसे में आपके ऊपर कर्ज के जाल में फंसने का खतरा रहता है. गैर-जरूरी खर्चों के लिए लोन लेना भी लोगों के कर्ज के जाल में धकेलता है.
पर्सनल लोन के इतने सारे नुकसान :
आइए जानते हैं कि लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर आपकी इनकम लोन चुकाने के लिए पर्याप्त है तो अक्सर आपको पर्सनल लोन मिल जाता है.
बैंक आपके लोन एप्लीकेशन (loan Application) को अप्रूव करने से पहले कमाई, नौकरी, क्रेडिट स्कोर, कर्ज (Earnings, Jobs, Credit Score, Loans) चुकाने की क्षमता, पुराने फाइनेंशियल रिकॉर्ड (old financial records) जैसी चीजें परखते हैं.
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है. इसलिए कोई एसेट यानी संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है. अनसिक्योर्ड लोन होने की वजह से पर्सनल लोन की ब्याज दरें होम लोन, कार लोन और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज जैसे सिक्योर्ड लोन से काफी ज्यादा होती है.
पर्सनल लोन में इंटरेस्ट के अलावा प्रोसेसिंग फीस, EMI बाउंस चार्ज, प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज और लोन प्रोसेसिंग और प्री-पेमेंट पर जीएसटी (Processing fees, EMI bounce charges, pre-payment or foreclosure charges and GST on loan processing and pre-payment) आदि शुल्क भी होते हैं. इन सब के बाद भी कुछ परिस्थितियों में पर्सनल लोन लिया जा सकता है.
खासकर तब, जब आपको अर्जेंट पैसों की जरूरत हो. इसमें डॉक्यूमेंटेशन (docoument) यानी कागजी कार्रवाई कम होती है. जल्दी लोन अप्रूव हो जाता है और मिल भी जाता है. हालांकि, कुछ स्थितियां ऐसी भी हैं जब पर्सनल लोन नहीं लेना चाहिए. आइए उन पर नजर डालते हैं.
कर्ज लेकर घी पीने की आदत गलत :
अक्सर जब आप खर्च करते हैं तो ये नहीं सोचते हैं कि इसे कैसे भरेंगे. ज्यादा रकम खर्च करने पर एक बार में पैसा भरना मुश्किल हो जाता है. तो आप EMI का ऑप्शन चुन लेते हैं. कई लोग महंगे मोबाइल, शॉपिंग, घूमने-फिरने यानी ट्रैवलिंग (Expensive mobile, shopping, traveling) के लिए लोन लेते हैं.
ये ऐसे काम हैं जो आपकी जरूरत नहीं बल्कि शौक हैं. इनके लिए पर्सनल लोन लेने से बचें. भारी ब्याज वाली EMI चुकाने से अच्छा है आप हर महीने पैसे बचाएं और जब पर्याप्त पैसे हो तब शौक पूरे करें.
ऐसे मामलों में हो जाएगा धोखा :
कई लोग फटाफटा मुनाफा कूटने के चक्कर में शेयर बाजार, किसी suspicious (सस्पिशियस) यानी संदिग्ध स्कीम या किसी काम में पर्सनल लोन लेकर इन्वेस्टमेंट कर देते हैं, जहां रिस्क काफी ज्यादा होता है. ऐसे में अगर आपका इन्वेस्टमेंट खराब रिटर्न देता है या पैसा फंस या डूब जाता है तो आप बड़ी वित्तीय मुसीबत में फंस सकते हैं.
न करें ये भावनात्मक गलती :
कई बार भावनाओं में बहकर आप दूसरों की मदद के लिए पर्सनल लोन लेते हैं. ये बड़ी गलती है. जिस व्यक्ति के लिए आपने लोन लिया है अगर वो EMI नहीं भरता है तो लोन का बोझ आप पर आएगा,
क्योंकि लोन आपने लिया है तो इसे भरने की जिम्मेदारी भी आपकी है. लोन भरने से चूकने पर क्रेडिट स्कोर खराब होगा. इसलिए पर्सनल लोन सिर्फ अपनी निजी जरूरतों के लिए लें न कि दूसरों के लिए.