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Property पर हो गया है कब्जा, घबराने की जरूरत नहीं बस करना होगा ये काम

possession of property : आपने देखा होगा कि लोग अपना घर या फिर कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए जिंदगी में मेहनत से कमाए गए सारे पैसे लगा देते है। तब जाकर घर या प्रॉपर्टी खरीद पाते है। और ऐसे में अगर प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा हो जाता है। तो वो समझ नहीं पाते की अब हम इस कब्जे को कैसे छुडवा सकते है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि आपको क्या करना है। आइए जानते है नीचे आर्टकिल में।

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Property पर हो गया है कब्जा, घबराने की जरूरत नहीं बस करना होगा ये काम

HARYANA NEWS HUB : देश में जमीन पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे से जुड़े कई मामले( cases related to illegal possession ) अदालतों में लंबित हैं। पीड़ित लोग आए दिन इन मामलों को लेकर कोर्ट( court ) का रूख करते हैं। शहर से लेकर गांव तक, खेती की जमीन से लेकर रिहायशी प्लॉट( possession of residential plot ) पर लोगों को अतिक्रमण और अवैध कब्जे का डर सताता रहता है।

पिछले कुछ वर्षों में जमीनों के कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने से इस तरह के मामले तेजी से बढ़े हैं। अगर आपकी जमीन पर भी किसी ने कब्जा कर लिया है तो अपनो टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। आज हम आपको ऐसे तरीके बताएंगे कि आपको क्या करना है जानिए।

IPC की धारा 420 :

यह काफी चर्चित धारा है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से धोखाधड़ी के अनेक मामलों किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर उसकी संपत्ति से हटाया गया है, तो ये कानून इस्तेमाल में लाया जा सकता है। किसी भी पीड़ित को सबसे पहले इसे इस्तेमाल में लाना चाहिए।

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आईपीसी की धारा 406 :

इस कानून का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी में सेंध लगाता है। इसे भी संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है। पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा सकता है।

धारा 467 :

अगर किसी संपत्ति को फर्जी तरीके से तैयार दस्तावेजों के माध्यम से हथियाया जाता है तब यह कानून लागू होता है। इसे कूटरचना कानून के तौर पर भी जाना जाता है। इसमें कूटनीति के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी की संपत्ति हथियाने के मामले का निपटान किया जाता है।

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स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट :

ये एक सिविल कानून है। इसका इस्तेमाल खास परिस्थिति में होता है। इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होती, ना ही कोई फर्जी दस्तावेज बनाए जाते हैं। आरोपी व्यक्ति बस मनमर्जी से पीड़ित की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर लेता है।

इसकी धारा 6 के तहत पीड़ित को जल्दी व आसान न्याय देने का प्रयास होता है। हालांकि, इस कानून में एक पेंच ये है कि कब्जे के 6 महीने के अंदर ही इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज हो जाना चाहिए। दूसरा पेंच यह कि इसके तहत सरकार के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते।

इनमें से जो भी उपयुक्त हो, आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप गलत नहीं हैं तो सरकारी तंत्र आपकी हेल्प करेगा और आपकी जमीन अथवा प्रॉपर्टी आपको दिलाने में मदद करेगा। हालांकि इस तरह के मामलों में आपको पेशेवर वकील से मशविरा भी कर लेना चाहिए।