home page

Delhi News : दिल्ली वालों के लिए ताजा अपडेट, क्या दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन

Delhi : आप सभी को पता ही होगा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगेगा या फिर नहीं? राष्ट्रपति शासन वह होता है जो कैबिनेट भंग कर दी जाती है। राज्य की पावर राष्ट्रपति के पास आ जाती है। इनके आदेश पर ही राज्यपाल, मुख्य सचिव और दूसरे प्रशासकों या सलाहकारों की नियुक्ति की जाती है। ऐसे में आइए नीचे आर्टिकल में जानते है इस अपडेट के बारे में।

 | 
Delhi News : दिल्ली वालों के लिए ताजा अपडेट, क्या दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन

HR NEWS HUB (ब्यूरो) : शराब घोटाला मामले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) (ईडी) की टीम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार(Chief Minister Arvind Kejriwal arrested) किया। गिरफ्तारी के बाद AAP की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) शुक्रवार सुबह सुनवाई करेगा। इसके साथ ही इसके विरोध में आप कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन करेंगे।

इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे- क्या गिरफ्तारी के बाद अब केजरीवाल इस्तीफा देंगे?(Will Kejriwal resign after arrest?) केजरीवाल को राहत मिलेगी या जेल जाने पर भी वो मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अगर ऐसा होता है तो उनके लिए सरकार चला पाना आसान होगा? केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद चर्चा है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन(President's rule in Delhi) लग सकता है। अब आइए एक-एक करके इन सवालों के जवाब जान लेते हैं।

क्या केजरीवाल इस्तीफा देंगे?


कानून के जानकार और सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court news) में प्रैक्टिस करने वाले वकील विनीत जिंदल का दावा है कि कानून के मुताबिक, दोषी ठहराए जाने तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, अयोग्यता प्रावधानों की रूपरेखा देता है, लेकिन पद से हटाने के लिए दोषसिद्धि आवश्यक है। यानी यह साबित करना होगा कि वो दोषी हैं।

Chanakya Niti : इस निशान वाली महिला से शादी करने से, पाटर्नर की जिंदगी में कभी नहीं आता दुख, जानिए क्या कहती है चाणक्य निति

एलजी की भूमिका के संबंध में, केजरीवाल को सीएम बने रहने के लिए जेल से राहत की आवश्यकता होगी, या एलजी दिल्ली के शासन से को लेकर अनुच्छेद 239 एए के तहत सरकार को निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति को शामिल कर सकते हैं।

उपराज्यपाल अनुच्छेद 239एबी के तहत राष्ट्रपति शासन के लिए ‘संवैधानिक मशीनरी की विफलता’ को उचित ठहरा सकते हैं, जिससे संभावित रूप से केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ सकता है और दिल्ली पर केंद्र सरकार के नियंत्रण का निर्देश दिया जा सकता है।

जेल से सरकार चला पाना केजरीवाल के लिए कितना मुश्किल होगा?

एक मौजूदा सीएम के लिए इस्तीफा एक नैतिक विकल्प हो सकता है। इसके अतिरिक्त, एक मुख्यमंत्री कुछ अनुमतियों के साथ जेल से शासन कर सकता है, जैसे कैबिनेट बैठकें आयोजित करना, जेल मैनुअल के अनुसार और अदालत की मंजूरी के साथ फाइलों पर हस्ताक्षर करना।


हालांकि जेल में रहते हुए सरकार चलाना आसान नहीं होगा। व्यवहारिक तौर पर देखें तो इसमें कई मुश्किल होंगी। वो वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट मीटिंग ले सकते हैं, लेकिन इसमें एक अहम भूमिका जेल प्रशासन की होगी। ऐसी मीटिंग के लिए उन्हें जेल प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। अगर प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।

क्या लागू होगा राष्ट्रपति शासन?

कानून के मुताबिक, अगर कोई सरकारी अधिकारी जेल जाता है तो उसे निलंबित करने का नियम है, लेकिन राजनेताओं के लिए ऐसा कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इस तरह अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।

Chanakya Niti : इस निशान वाली महिला से शादी करने से, पाटर्नर की जिंदगी में कभी नहीं आता दुख, जानिए क्या कहती है चाणक्य निति

राष्ट्रपति शासन लागू कब-कब लागू किया जाता है, अब इसे समझ लेते हैं। संविधान का अनुच्छेद 356 कहता है, किसी भी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल होने या इसमें किसी तरह का व्यवधान पैदा होने पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। दो बातों को इसमें आधार बनाया जा सकता है। पहला, जब सरकार संविधान के मुताबिक, सरकार चलाने में सक्षम न हो तब। दूसरा, जब राज्य सरकार केंद्र सरकार के निर्देशों को लागू करने में विफल रहती है।

राष्ट्रपति शासन लगने पर कैबिनेट भंग कर दी जाती है। राज्य की पावर राष्ट्रपति के पास आ जाती है। इनके आदेश पर ही राज्यपाल, मुख्य सचिव और दूसरे प्रशासकों या सलाहकारों की नियुक्ति की जाती है।