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बाल्टीमोर पुल हादसा : बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 6 दिन बाद भी क्यों मोजूद है भारतीय? जानिए वजह

बाल्टीमोर पुल हादसा : अमेरिका के बाल्टीमोर से श्रीलंका के लिए रवाना हुआ कार्गो जहाज जिस पर 4,700 कंटेनर लदे हुए है| बता दें की मंगलवार को सुबह बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद जहाज पुल से टकरा गया था| जिसमे पुल ढह गया| इस जहाज में भरतीय चालक दल मोजूद था| आइए जानते है पूरी खबर विस्तार से निचे खबर में...

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बाल्टीमोर पुल हादसा : बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 6 दिन बाद भी क्यों मोजूद है भारतीय? जानिए वजह 

HARYANA NEWS HUB, (ब्यूरो) : अमेरिका के बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट (Francis Scott in Baltimore) पुल हादसे के करीब सप्ताहभर बाद भी चालक दल के 20 भारतीय सदस्य जहाज पर फंसे हुए हैं। हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि चालक दल जहाज की देखरेख भी कर रहे हैं। इस दौरान वे अधिकारियों के सवालों का जवाब भी दे रहे हैं।

दुर्घटनाग्रस्त जहाज डाली बाल्टीमोर के बंदरगाह में फंसा हुआ है और फिलहाल, यह तय नहीं है कि मलबे को हटाने में कितना वक्त लगेगा। ऐसे में चालक दल के सदस्यों का जीवन अनिश्चितता में फंस गया है, लेकिन एक बात निश्चित है कि वे अब निकट भविष्य में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) होते हुए अपने गंतव्य श्रीलंका के लिए रवाना नहीं होने वाले।

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जहाज का प्रबंधन करने वाली कंपनी सिनर्जी मरीन (Company Synergy Marine) के लिए काम करने वाले क्रिस जेम्स ने कहा, चालक दल के सदस्यों के पास भोजन और पानी की पर्याप्त आपूर्ति है। जब राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड व तटरक्षक अपनी जांच पूरी कर लेंगे, तो चालक दल को बदला जा सकता है। जहाज पर तैनात मौजूदा चालक दल के सदस्यों को घर भेजा जा सकता है।

जहाज पर लदे हैं 4,700 कंटेनर-
हादसाग्रस्त कार्गो जहाज 985 फुट लंबा है। श्रीलंका जा रहे जहाज पर 4,700 कंटेनर लदे हैं। गत मंगलवार को भोर में बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद जहाज पुल से टकरा गया था। इससे पुल का एक बड़ा हिस्सा ताश की पत्ते की तरह गिर गया था। वहां निर्माण कार्य कर रहे छह लोग मारे गए थे।

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भारतीय चालक दल की तत्परता से बची कई जानें-
चालक दल ने बिजली आपूर्ति बाधित होने के तत्काल बाद मेडे कॉल (मदद की मांग संबंधी सूचना) प्रसारित कर दी थी। इससे पहले कि जहाज पुल से टकराता पुलिस को उस तरफ जाने वाले जहाजों को रोकने में मदद मिली। सूचना जारी करने में देरी होती, तो कई जानें जा सकती थीं। भारतीय चालक दल की इस तत्परता की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने भी तारीफ की है।

इंजीनियरों ने शुरू किया मलबा हटाने का काम-
इंजीनियरों की टीमों ने शनिवार को क्षतिग्रस्त पुल से मुड़े हुए लोहे के पहले खंड को काटने व उसके मलबे को उठाने की जटिल प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। अमेरिकी अधिकारियों (US officials) ने बताया कि पुल के ध्वस्त ढांचे के उत्तरी हिस्से के शीर्ष पर काम किया जा रहा है। लोहे को काटने के लिए भारी-भरकम कटर मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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लगाई गईं 1,000 टन वजन उठाने वाली क्रेन-
पुल के मलबे को हटाने के लिए 1,000 टन वजन उठाने में सक्षम एक विशाल क्रेन को लगाया गया है। कुछ अलग क्षमताओं की क्रेनें भी लगाई गई हैं। 10 टगबोट, नौ बजरे, आठ बचाव जहाज व पांच तटरक्षक नावें भी मलबा हटाने के काम में मदद कर रही हैं। मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर (Maryland Governor Wes Moore) ने कहा, मलबा हटाने और बंदरगाह को खोलने में कितना वक्त लगेगा, अभी तय नहीं है।