अमेरिका ने उठाया पहली बार कड़ा कदम, युद्ध से पीछे हुए इजरायल और इरान, जानिए क्या हो सकती वजह ?
HARYANA NEWS HUB (ब्यूरो) : फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजराइली सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में अब खबर है कि अमेरिका वहां आम लोगों को निशाना बनाने के आरोप में इजराइली रक्षा बलों (IDF) की एक यूनिट पर प्रतिबंधों की घोषणा कर सकती है
अगर ऐसा होता है तो किसी इजरायली सैन्य टुकड़ी के खिलाफ बाइडन प्रशासन की पहली कार्रवाई होगी आइए जानते है खबर में पूरी जानकारी....
इजरायली सेना की इस टुकड़ी का नाम नेत्ज़ाह येहुदा बटालियन है सूत्रों के हवाले से बताया कि लीही कानूनों के तहत, नेत्ज़ाह येहुदा सैनिक अमेरिकी सैनिकों के साथ प्रशिक्षण नहीं ले पाएंगे या अमेरिकी फंडिंग के साथ किसी भी गतिविधि में भाग नहीं ले पाएंगे. इन प्रतिबंधों से बटालियन को अमेरिकी हथियारों के हस्तांतरण पर भी रोक लग जाएगी.
नेत्जाह येहुदा दक्षिणपंथी उग्रवाद और फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ हिंसा को लेकर पिछले कई दिनों से विवादों में घिरी रही है. इसमें 78 साल के फ़िलिस्तीनी-अमेरिकी नागरिक उमर असद की मौत भी शामिल है, जिनकी बटालियन के सैनिकों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मौत हो गई थी. द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, उसके हाथों में हथकड़ी डालकर और आंखों पर पट्टी बांधकर कड़ाके की ठंड में बाहर छोड़ दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई.
अमेरिका के इस संभावित कदम से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खासे नाराज दिख रहे हैं. उन्होंने ऐसी कार्रवाई को ‘बेतुकेपन की पराकाष्ठा और नैतिक निम्नता’ करार दिया है. नेतन्याहू ने ट्वीट किया, ‘इजरायल रक्षा बलों पर प्रतिबंध नहीं लगाए जाने चाहिए! हाल के हफ्तों में, मैं इजरायली नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ काम कर रहा हूं, जिसमें वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी अधिकारियों के साथ मेरी बातचीत भी शामिल है.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय में जब हमारे सैनिक आतंक के राक्षसों से लड़ रहे हैं, आईडीएफ की एक इकाई पर प्रतिबंध लगाने का इरादा बेतुकापन और नैतिक पतन की पराकाष्ठा है. मेरे नेतृत्व वाली सरकार इन कदमों के खिलाफ हर तरह से कार्रवाई करेगी.’
बता दें कि नेत्ज़ाह येहुदा, बेहद कट्टर पैदल सैनिकों की टुकड़ी है. इसमें केवल ऐसे ही सैनिक शामिल होते हैं जो अपनी मान्यताओं से समझौता किए बिना स्वतंत्र रूप से फोर्स की सेवा कर सकते हैं. इन सैनिकों को महिला सैनिकों के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं है और उन्हें धार्मिक अध्ययन एवं प्रार्थना के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है.
दिसंबर 2022 में इज़रायल ने इस यूनिट को वेस्ट बैंक से बाहर ट्रांसफर कर दिया था और तब से यह ज्यादातर देश के उत्तरी हिस्सों में सेवा दे रहा है. हालांकि, यहूदी राज्य ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि सैनिकों के आचरण के कारण बटालियन को स्थानांतरित कर दिया गया था.