Mood Swings : 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है मालूम, मूड स्विंग्स ने दूसरों को नहीं बल्कि आपको भी कर रखा है परेशान, जानिए इससे कन्ट्रोल करने के तरीके?
Mood Swings Meaning : बता दें कि अगर हर थोड़ी देर में बदलते मूड वाले व्यक्ति से बातचीत करना बहुत ही मुश्किल कार्य होता है पता नही अगले व्यक्ति को कौन-सी बात बुरा लग जाए या किस बात पर गुस्सा आ जाएँ इन सब बातों को हमें ध्यान में रखते हुए बात करनी पड़ती है लेकिन इस आदत से सिर्फ दुसरें नही बल्कि हम भी परेशान होते है लेकिन वो खुद भी इससे बहुत दुखी रहते है तो आज हम आपके लिए लेकर आयें इस चीज को cantrol करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें-आइए जानते है खबर में पूरी जानकारी विस्तार से....
HR NEWS HUB (ब्यूरो) : बता दें कि अगर हर थोड़ी देर में बदलते मूड वाले व्यक्ति से बातचीत करना बहुत ही मुश्किल कार्य होता है पता नही अगले व्यक्ति को कौन-सी बात बुरा लग जाए कभी-कभार मूड स्विंग्स (mood swings) होना आम बात है, इसके लिए नींद पूरी न होना, अनहेल्दी डाइट, खराब तबियत, बहुत ज्यादा भागदौड़ (Lack of sleep, unhealthy diet, ill health, too much running around) जैसी चीज़ें जिम्मेदार हो सकती हैं। जिसके चलते बहुत ज्यादा गुस्सा आता है,
किसी से बात करने का दिल (heart) नहीं करता और छोटी-छोटी बातों को लेकर स्ट्रेस (stress) होने लगता है महिलाओं में पीरियड्स, मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के दौरान बहुत मूड स्विंग (Extreme mood swings during periods, menopause and pregnancy) देखने को मिलते हैं। पल-पल बदलते मूड वाले व्यक्ति से बातचीत करने में भी लोग बहुत कतराते हैं लेकिन आपको बता दें कि ये चीजे लम्बे समय से चल रही है तो ये आपके मानसिक सेहत को काफी नुक्सान पहुंचा सकती है आइए जानते है पूरी जानकारी नीचे दिए गए आर्टिकल में....
मूड स्विंग्स कंट्रोल करने के उपाय-
एक्सरसाइज़ से मिलता है फायदा-
रोजाना कुछ देर की एक्सरसाइज (excercise) करने से शरीर के साथ दिमाग भी दुरुस्त रहता है। वॉकिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग, साइकिलिंग, योग जो भी पॉसिबल (Walking, jogging, swimming, cycling, yoga, whatever is possible) हो, उसे अपने रूटीन में शामिल करें। वर्कआउट करने से बॉडी में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज़ (Happy Hormones Release) होते हैं, जिससे दिमाग रिलैक्स (relex) रहता है और मूड स्विंग्स की प्रॉब्लम दूर होती है।
अच्छे लोगों के साथ बिताएं-
इनमें आपके दोस्त, ऑफिस कलीग्स (office colleagues) या फिर परिवार का कोई सदस्य भी शामिल हो सकता है। बेसिकली उन लोगों से बातचीत करने के लिए वक्त निकालें, जो आपको नेगेटिविटी (nagactivity) से दूर रखते हैं। आपको हंसाने और खुश रखने में मदद करते हैं। इससे उदासी, चिंता, तनाव (sadness, anxiety, stress) जैसी चीज़ों से निकलना आसान होता है।
नींद से न करें समझौता-
सोने का वक्त अगर आप मोबाइल और टीवी के साथ बिताते हैं, तो इससे भी बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होते हैं। नींद पूरी न होने से दिनभर थकान, सिरदर्द व पाचन (fatigue, headache and digestion) से जुड़ी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं, जिस वजह से छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आना, किसी से बात करने का दिल नहीं करना जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। वहीं नींद पूरी करने से बॉडी में सेरोटोनिन हार्मोन (serotonin hormone) बढ़ने लगता है। जो आपको हेल्दी एंड हैप्पी बनाए रखता है।
सेल्फ केयर पर फोकस करें-
कई बार आपकी बॉडी को रेस्ट की जरूरत होती है, लेकिन व्यस्तता और जिम्मेदारियों के आगे आप इस डिमांड को इग्नोर करते रहते हैं, तो इससे भी मूड स्विंग्स हो सकते हैं। अपनी बॉडी की जरूरत को समझें। अगर एनर्जेटिक नहीं फील कर रहे हैं, तो जबरदस्ती काम करने की कोशिश न करें। दिमाग को रिलैक्स करने के लिए उन चीज़ों को वक्त दें, जिन्हें करने से आपको खुशी मिलती है।