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Success Story : 5वीं क्लास में था फ़ैल, आज खड़ा कर दिया अरबों का बिजनेस

Success Story : दोस्तों आपको बता दें कि सफलता की कहानी को आपने कई बार देखा और सुना भी होगा लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताना चाहते है जिसके पास घर में खाने तक के पैसे नही थे आज वो शख्स ने अरबों की कंपनी को खड़ा कर दिया है उस कंपनी का नाम है zomato, हाँ इस शख्स ने बिना पढ़े-लिखे इतनी बड़ी कंपनी को खड़ा कर दिया है आइए इस शख्स के बारे में और अधिक जानते है नीचे न्यूज़ में विस्तार से-
 
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Success Story : 5वीं क्लास में था फ़ैल, आज खड़ा कर दिया अरबों का बिजनेस 

HARYANA NEWS HUB : बता दें कि बाहर का खाना खाने का मन कर रहा है लेकिन जाने का मन नही कर रहा तो अपना फ़ोन उठाकर और zomato ऐप्प खोलकर अपना पसंदीदा खाना ऑर्डर कर दिया इसके बाद कुछ समय पश्चात डिलीवरी बॉय खाना देने पहुंच जाता है आपको तो ये बिल्कुल नोर्मल चीजे लगती होगी लेकिन प्रक्रिया को सबसे आसान बनाने के लिए कितनी मेहनत लगी होगी zomato कंपनी भारत की सबसे बड़ी और फ़ास्ट food  डिलीवरी कंपनी है। आइए नीचे और जानते है इसके बारे में 

भारत के साथ-साथ 23 देश में अपना कारोबार कर रही है। कंपनी के मालिक हैं दीपेंद्र गोयल (Deependra Goyal)। जितनी कंपनी बड़ी है उतनी ही बड़ी दीपेंद्र गोयल की मेहनत है। आखिर किस तरीके से यह कंपनी शुरू हुई? क्या प्लान बनाया? इन सब के बारे में आज आपको पूरी जानकारी देते हैं।

पढाई-लिखाई में नहीं लगता था मन

दीपेंद्र गोयल का जन्म पंजाब में हुआ था। घर पर मम्मी, पापा दोनों शिक्षा विभाग से जुड़े हुए थे। बावजूद इसके दीपेंद्र गोयल का पढ़ाई में कुछ खास लगाव नहीं था।

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पाचवीं कक्षा में फेल होने के बाद घर वालों का प्रेशर दीपेंद्र गोयल के ऊपर पड़ा, जिसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को सीरियस लेना शुरू किया। 2005 में आईआईटी दिल्ली से M.Tech करने के बाद दीपेंद्र ने Bain and Company ज्वॉइन की। इसी कंपनी में काम करते हुए उन्हें जोमैटो का आइडिया आया।


ऐसे आया आइडिया

हुआ ये कि एक दिन उन्होंने महसूस किया कि लोग खाने का मेन्यू कार्ड देखने में ही अपना टाइम सबसे ज्यादा लगा देते हैं। उनके ऑफिस में कई लंबी कतार यह जानने में लग जाती थीं कि आज खाने में क्या है?

तो उन्होंने सोचा क्यों ना इंटरनेट का इस्तेमाल करके ये सारी जानकारी नेट पर डाल दी जाए, जिससे लोग अपने घर बैठे पूरे मेन्यू की जानकारी ले सकते हैं।

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कंपनी के मेन्यू को किया ऑनलाइन

उन्होंने अपने कंपनी का मेन्यू डाटा ऑनलाइन कर दिया। जिसके बाद अच्छा रिस्पांस उन्हें मिला। यही से उन्होंने इस बात को सीरियस लेना शुरू कर दिया कि अब जमाना बदल रहा है, तकनीक देश के अंदर मजबूत हो रही है।

ऐसे में उन्होंने अपने दोस्त प्रसून जैन के साथ मिलकर फूडलैट वेंचर की शुरुआत की, यानी दिल्ली वासी घर बैठकर किसी संबंधित रेस्टोरेंट के बारे में पता कर सकते हैं कि वहां कितने रुपए में क्या डिश मिल रही है। हालांकि इसके बाद उनके दोस्त प्रसून ने दीपेंद्र गोयल का साथ छोड़ दिया जिसकी वजह से वेंचर की स्पीड धीमी पड़ गई।

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एंट्री हुई दूसरे हीरो की

धीरे-धीरे समय बिता और फिर दीपेंद्र गोयल की लाइफ में एंट्री होती है दूसरे दोस्त पंकज चड्ढा की। साल 2008 दोनो ने FoodiEBAY ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की। इस पोर्टल पर रेस्टोरेंट की डिटेल्स के साथ-साथ अब उनके लिए रेटिंग भी कर सकते थे।

जिसमें उन्होंने दिल्ली के 1200 रेस्टोरेंट के मेन्यू डाले। देखते ही देखते ये पोर्टल फेमस होने लगा। साल 2010 आते-आते FoodiEBAY देश के कई शहरों में भी पहुंच चुका था।

ऐसे पड़ा जोमैटो नाम

अब दीपेंद्र गोयल अपनी इस कंपनी को आगे लेवल पर ले जाने का विचार कर रहे थे, लेकिन फंडिग के साथ समय की समस्या दोनों दोस्तों के सामने थी। इसलिए पत्नी को जॉब मिलने के बाद दीपेंद्र गोयल ने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से FoodiEBAY पर ध्यान देने लगे।

फिर 2010 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया। जोमैटो नाम लेने के पीछे कुछ बड़ी कहानी नहीं है, बस टोमेटो और जोमैटो दोनों एक जैसे लगते थे, तो यहां से जोमैटो नाम की शुरुआत हो गई।

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वहीं फंडिग की बात करें तो naukri.com के संजीव सामने आए, जिन्होंने साल 2010 में 1 मिलियन डॉलर का फंड दिया। बता दें कि 37 फीसदी शेयर संजीव के पास ही हैं।

साल 2013 में कंपनी को कई नए निवेशक मिले, जिससे कंपनी के पास फंड 223.8 मिलियन डॉलर का हो गया, रुपए की बात करें तो 18 करोड़ 57 लाख के करीब।

जियो ने दी रफ्तार

कुछ सालों बाद एंट्री होती है जिओ की। जिओ के आते ही हम सभी जानते हैं कि टेलीकॉम सेक्टर में एक क्रांति आ गई। हर किसी के पास फ्री में डाटा उपलब्ध था, वह भी 3G यानी हाई स्पीड।

लोग ऑनलाइन पोर्टल पर जल्दी शिफ्ट हो रहे थे। इसका फायदा जोमैटो को मिला। दीपेंद्र गोयल ने जब देखा कि लोग ज्यादा से ज्यादा विजिट उनके वेबसाइट पर कर रहे हैं, तो क्यों ना इसका एक ऐप बनाया जाए। जिससे लोगों तक पहुंच आसान हो जाएगी।

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डिलीवरी का प्लान 

ऐप बनाने के बाद कंपनी ने दूसरे नए प्लान पर काम करना शुरू किया। लोगों का प्यार और दीपेंद्र चड्ढा की मेहनत रंग ला रही थी। इसी को देखते हुए अब उन्होंने फूड की डिलीवरी कराने की भी शुरुआत कर दी। यानी आप ऐप के जरिए संबंधित रेस्टोरेंट में खाना ऑर्डर करिए और डिलीवरी जोमैटो कराएगी।

शेयर मार्केट में भी छाई हुई है

इस नए प्लान के बाद तो जोमैटो ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल दर साल कई गुना प्रॉफिट कंपनी करती गई और एक समय ऐसा आया कि शेयर मार्केट पर भी जोमैटो लिस्ट हो गई। आज कंपनी का शेयर निवेशकों को हजारों की कमाई कर रहा है।

वही भारत देश में धूम मचाने के बाद 23 देश में जोमैटो इस समय अपनी सर्विस दे रही है। यानी दो लोगों से शुरू हुई एक कंपनी आज 8 करोड लोगों की जान बन चुकी है।

साथ में 1000 से ज्यादा एम्पलाई जोमैटो में काम कर रहे हैं। तो ये वो सफलता की कहानी है जहां छठवीं फेल एक नॉर्मल स्टूडेंट ने अरबों की कंपनी खड़ी कर दी

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