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Haryana : डीडी हरियाणा को वापिस हिसार में स्थापित करने को लेकर संसद तक आवाज हुई बुलंद

Hisar News : बता दें कि हिसार में स्थित दूरदर्शन हरियाणा को चण्डीगढ़ स्थापित किया गया| इसी को लेकर भाजपा, जजपा और इनेलो जैसी पार्टियां चुपी साधे हुए है| वहीं दूरदर्शन बचाओ संघर्स समिति दूरदर्शन हरियाणा की हिसार वापसी को लेकर लगभग 15 महीनों से धरने पर बैठे है| आइए जानते है पूरी जानकारी निचे खबर में विस्तार से..

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Haryana : डीडी हरियाणा को वापिस हिसार में स्थापित करने को लेकर संसद तक आवाज हुई बुलंद

HARYANA NEWS HUB, (ब्यूरो) : देवीलाल के नाम पर समर्पित दूरदर्शन हरियाणा केंद्र के प्रोग्राम विभाग (Program Department of Doordarshan Haryana Center) के सवा साल पहले चंडीगढ़ शिफ्ट होते ही उसकी आवाज गुम हो गई। हरियाणा की पहचान दूरदर्शन को बचाने के लिए आंदोलनकारियों ने खूब आवाज बुलंद की। यह बात संसद और विधानसभा तक गूंजी, लेकिन वापसी के नाम पर आश्वासन ही मिला।

अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा गरमाने के आसार हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल करते हुए डीडी हरियाणा के हिसार से ही वापसी का आश्वासन (DD assures return from Hisar in Haryana.) दिया है लेकिन देवीलाल के नाम पर राजनीति कर रहीं भाजपा, जजपा और इनेलो जैसी पार्टियां फिलहाल इस मुद्दे पर मौन हैं। वैसे दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति को अब भी खाेए हुए दिन वापस होने की उम्मीद है।

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हिसार में 14 जनवरी 2023 को बंद डीडी हरियाणा से प्रसारण फिर से शुरू करवाने के लिए दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति सवा साल से धरने पर है। उनका मानना है कि डीडी पंजाबी, डीडी राजस्थान, डीडी बिहार (DD Punjabi, DD Rajasthan, DD Bihar) जैसे क्षेत्रीय चैनल चल रहे हैं जबकि डीडी हरियाणा को चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया। इसके पीछे खर्च में कटौती की भी बात सामने आ रही है। विपक्षी दल, ट्रेड यूनियन और किसान संगठन केंद्र सरकार के इस कदम को हरियाणा की पहचान पर हमला मानते हैं।

वहीं सूत्र बताते हैं कि दूरदर्शन केंद्र की ओर से अब भी हर महीने बिना खर्च किए लाखों रुपये बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है। इसे सरकारी धन का दुरुपयोग माना जा रहा है, लेकिन कुछ लोग यह भी उम्मीद जता रहे हैं कि भविष्य में हरियाणा से आवाज बुलंद की गई तो इसे फिर से शुरू किया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग (Spokesperson Bajrang Das Garg) का कहना है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तो हरियाणा दूरदर्शन फिर हिसार शिफ्ट करवाएंगे।

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2002 में हुआ था उद्घाटन..अब केवल ढांचा मात्र-
एक नवंबर, 2002 को तत्कालीन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने इस केंद्र का उद्धाटन किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला (Chief Minister Omprakash Chautala and MP Surendra Singh Barwala) भी इसके साक्षी बने थे। तब से इस केंद्र ने कृषि की नवीनतम तकनीकों और बागवानी और डेयरी जैसे क्षेत्रों के बारे में शिक्षित करने के अलावा पूरे देश में क्षेत्रीय संस्कृतियों को बढ़ावा देने और इनके प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। पर समय बीतने के साथ ही इसकी भूमिका सिमट गई। अब यह केंद्र केवल ढांचा मात्र रह गया है।


हरियाणवी संस्कृति को नुकसान-
दूरदर्शन हरियाणा के मौजूदा प्रोग्राम डायरेक्टर पवन कुमार (Program Director Pawan Kuma) कहते हैं कि दूरदर्शन केंद्र के चंडीगढ़ जाने से सबसे अधिक हरियाणवी संस्कृति को नुकसान हुआ है। हिसार हरियाणवी संस्कृति का केंद्र बिंदु है, जबकि चंडीगढ़ पंजाबी संस्कृति का केंद्र है। केंद्र चंडीगढ़ शिफ्ट होने से हरियाणा के लोक कलाकारों के साथ अन्याय हुआ है। दूरदर्शन केंद्र बंद होने से किसान हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। वहीं, खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।

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...तो दूरदर्शन केंद्र खोने वाला पहला राज्य बन जाएगा हरियाणा-
2002 में दूरदर्शन केंद्र पाने वाला हरियाणा देश का आखिरी राज्य था। यदि पुरजोर प्रयास नहीं हुए तो हिसार में अपना एकमात्र दूरदर्शन केंद्र खोने वाला हरियाणा पहला राज्य बन जाएगा। हिसार में दूरदर्शन कार्यालय और स्टाफ कॉलोनी परिसर आठ एकड़ में प्राइम लोकेशन (prime location) पर है। स्टूडियो में महंगे डिजिटल उपकरण भी लगे थे, जो चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए। अब तक इस परिसर के किसी और उपयोग की घोषणा नहीं की गई है, ऐसे में उम्मीद की किरण अब भी बनी हुई है। हिसार में तीन विश्वविद्यालय हैं, एक कृषि के लिए, दूसरा पशु चिकित्सा विज्ञान के लिए और तीसरा तकनीक के क्षेत्र में दूरदर्शन को विशेषज्ञ प्रदान करते थे। विशेषज्ञों की सलाह से किसान के साथ-साथ युवा भी वंचित हुए हैं। लोक कलाकारों को भी निराशा मिली है।

प्रतिक्रिया-
दूरदर्शन केंद्र के मुद्दे पर धरना अब भी जारी है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Congress MP Deependra Hooda) इस मुद्दे को संसद में उठा चुके हैं। उन्होंने इसे चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने और हिसार वापसी का आश्वासन दिया है। इनेलो के नेता ओपी चौटाला भी धरनास्थल पर आकर समर्थन दे चुके हैं। जजपा के विधायक जोगीराम सिहाग इस मुद्दे को विधानसभा में उठा चुके हैं। तत्कालीन भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह (BJP MP Brijendra Singh) भी दिल्ली में इस मुद्दे को लेकर संबंधित मंत्री से मिल चुके हैं। हमारी समिति हर स्तर पर प्रयास कर चुकी है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। - नरेंद्र कौशिक, संयोजक, दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति।

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दूरदर्शन केंद्र हिसार का बंद होना केवल स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों के नुकसान का मुद्दा मात्र नहीं है। यह एक ऐसे माध्यम की हानि भी है जो हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Haryana Agricultural University) के स्थानीय विशेषज्ञों से किसानों को कृषि संबंधी टिप्स प्रदान करता रहा है। पर यह भी मुख्य मुद्दा नहीं है। यह असल में राज्य की पहचान के एक महत्वपूर्ण मुद्दे के नुकसान की कहानी है। हिसार में डीडी केंद्र (DD Center) के बंद होने से हरियाणा इस माध्यम में सांस्कृतिक योगदान से वंचित हो गया। - अजीत सिंह, पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन हिसार।