Property के लिए वसीयत क्यो होती है जरूरी, जानें इसे लिखने का तरीका
Property Will : वसीयत के बारे में आपने शायद फिल्मों में ही सुना होगा। रियल लाइफ में शायद किसी को वसीयत लिखते ना देखा होगा और ना ही सुना होगा। कानून की नजर में यह एक जरूरी कदम होता है। आज हम आपको वसीयत के बारे में डिटेल से बताएंगे कि वसीयत क्यों और कैसे लिखी जाती है। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में
HARYANA NEWS HUB : वसीयत कैसे लिखें..?( How to write a will..? ) यह जानने से पहले यह समझ लेते है कि वसीयत कौन लिख सकता है? ऐसा व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से अधिक हो, मानसिक रुप से स्वस्थ हो और जिसके पास किसी तरह की संपत्ति या जीवन बीमा पॉलिसी( life insurance policy ) है, वह वसीयत लिख सकता है। व्यक्ति जब तक जीवित रहता है उसका अपनी संपत्ति पर पूरा अधिकार होता है।
लेकिन उसकी मृत्यु के बाद वसीयत( will after death ) के अनुसार उसकी संपत्ति उसके उत्तराधिकारी को मिल जाती है। दरअसल वसीयत को कितनी बार भी बदला( How many times can a will be rewritten ) जा सकता है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि वसीयत बनानी चाहिए या नहीं...?( Should a will be made or not?) अगर हां, तो वसीयत कैसे बनाएं...?( How to make a will...? )
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वसीयत जरूरी होता है :
वसीयत बनाना काफी जरूरी है। आपको वसीयत जरूर बनवा लेना चाहिए। इसका सबसे स्पष्ट वजह है कि अगर संपत्ति के मालिक के मौत के बाद किसी भी तरह का कोई विवाद से दूर रहने के लिए वसीयत होना जरूरी है। हमने कई मूवी या फिर आस-पड़ोस के घर में जमीन-जायदाद को लेकर लड़ते हुए देखा होगा। इस तरह के विवाद को दूर करने के लिए वसीयत बहुत काम में आती है।
मौत कभी भी बता कर नहीं आती है. ऐसे में आपको अपने बच्चे के लिए वसीयत बनानी ही चाहिए। अगर बच्चे के 18 साल के होने से पहले ही माता -पिता की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में बच्चे को किसी भी तरह का कोई वित्त समस्या ना हो इसके लिए वसीयत काम में आती है। बच्चे के 18 साल होने तक में वसीयत का उत्तरअधिकार कोई होता है पर जैसे ही बच्चा 18 साल का हो जाता है, उसे संपत्ति का अधिकार मिल जाता है। आपको वसीयत बनाते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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इन बातों का रखें ध्यान :
आपको वसीयत में नाम, पिता / पति का नाम, घर का पता, जन्मतिथि जैसी जानकारी देनी चाहिए। इसमें कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए।
आपने किस तारीख को वसीयत लिखा है इसकी जानकारी देनी चहिए।
आपको अपना वसीयत स्पष्ट रूप से ही लिखना चाहिए, उसमें आप जरूर लिखें कि ये आपकी मर्जी के अनुसार है, किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है।
आपको इसमें अपनी संपत्ति का सही से ब्यौरा देना चाहिए, साथ ही आप उस संपत्ति का अधिकार किसे दे रहे हैं इसकी भी आपको जानकारी देनी चाहिए।
आप वसीयत में कोई गवाह के साइन जरूर करवाएं और वसीयत की एक कॉपी कोई सुरक्षित जगह पर जरूर रखें।
आप अपनी वसीयत को कितनी बार भी बदल सकते हैं इसके लिए आपको कोई स्टैंप शुल्क नहीं देना होगा। आप किसी भी भाषा में वसीयत लिखवा सकते हैं।