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Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन 5 दस्तावेज़ की अच्छे से कर लें जाँच, नहीं तो सकती है आपसे बड़ी गलती

Property Documents : अगर आप कोई प्रॉपर्टी (Property) खरीदने जा रहे हैं तो यह बेहद जरूरी है कि उसकी अच्छे से जांच पड़ताल कर लें. प्रॉपर्टी के मालिकाना हक और पेपर्स (Property Papers) की भी पड़ताल जरूरी है. आज हम आपको बताएंगे कि ग्राहकों को फ्लैट, फ्लोर, मकान या जमीन (flat, floor, house or land) खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए खरीदने से पहले इन 5 दस्तावेज की अच्छे से जांच-पड़ताल जरूर कर लें. नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार बन सकते है आइए जानते है पूरी जानकारी न्यूज़ में विस्तार से....
 
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Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन 5 दस्तावेज़ की अच्छे से कर लें जाँच, नहीं तो सकती है आपसे बड़ी गलती 

HARYANA NEWS HUB (ब्यूरो) : अगर आप कोई प्रॉपर्टी (Property) खरीदने जा रहे हैं तो यह बेहद जरूरी है कि उसकी अच्छे से जांच पड़ताल कर लें. प्रॉपर्टी के मालिकाना हक और पेपर्स (Property Papers) की भी पड़ताल जरूरी है. आज हम आपको बताएंगे कि ग्राहकों को फ्लैट, फ्लोर, मकान या जमीन (flat, floor, house or land) खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. कोई भी डील (deal) करने से पहले बहुत सारी चीजों की जानकारी हासिल करना जरूरी है. वरना आपके साथ ठगी हो सकती है.

वैसे तो जो चीजें आपको नयी प्रॉपर्टी खरीदते समय देखना चाहिए उनमें लोकेशन (location) , कई तरह के दस्तावेज, विक्रेता की जानकारी, संपत्ति पर किसी तरह का विवाद आदि शामिल है. इस काम के लिए आप कानूनी सलाह ले सकते हैं आइए जानते है नीचे दिए गए आर्टिकल में पूरी जानकारी....

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जहां तक डॉक्यूमेंट की जांच की बात है तो उन पर आपको खास तौर पर ध्यान देना है. कौन कौन से दस्तावेज चेक करना जरूरी है. आप जिस भी प्रोजेक्ट में फ्लैट या मकान खरीद रहे हैं, वह रेरा (RERA) में रजिस्टर होना चाहिए. यह रियल एस्टेट (Real Estate) का एक कानून है, जो भारतीय संसद से पारित है. इसका मकसद रियल एस्टेट सेक्टर (real estate sector) में आम जनता के हितों की रक्षा करना और उन्हें धोखाधड़ी से बचाना है

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यहां हम आपको बताएंगे कि कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको किन-किन कागजों की परख पहले ही कर लेनी चाहिए और उसी के बाद किसी संपत्ति की खरीदारी करनी चाहिए. यहां हम आपको बताएंगे कि प्रॉपर्टी खरीद करते समय किन-किन कागजों की जांच-पड़ताल आपको पहले ही कर लेनी चाहिए.

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टाइटल डीड (Tital Deed) :

कोई भी प्रॉपर्टी खरीदें तो उसके टाइटल डीड की पहले ही जानकारी ले लें और इसके दस्तावेज देखें. आप किसी वकील से इसको सर्टिफाइड (certified) करा सकते हैं. मुख्य तौर पर टाइटल डीड से ये पता चलता है कि आप जो प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं.

वो किसी कानूनी पचड़े में तो नहीं फंसी है. उसके ट्रांसफर, डिवाइड आदि में कोई दिक्कत तो नहीं है. इस टाइटल डीड को देखने के बाद ही प्रॉपर्टी की खरीद के बारे में आपको आगे बढ़ना चाहिए.

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लोन पेपर्स क्लियर (loan paper clear) हैं या नहीं :

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको इस बात के पेपर्स जांच लेने चाहिए कि आपकी प्रॉपर्टी पर किसी तरह का लोन तो नहीं चल रहा है. इसके मालिक के ऊपर इस प्रॉपर्टी की देनदारी के रूप में कुछ उधार तो नहीं है. इसकी जांच करना बेहद जरूरी है और इसको जांचे बिना आप प्रॉपर्टी खरीद के बारे में सोचें.

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Layout Papers (ले आउट पेपर्स) :

संपत्ति के लेआउट पेपर्स को लेकर आपको सावधानी बरतनी चाहिए और इसका नक्शा, खुले इलाके का नक्शा पास है या नहीं, इसकी सारी जानकारी ले लेनी चाहिए. बाद में किसी तरह का प्रॉपर्टी डिस्पयुट ना हो, इसके लिए आपको पहले ही आश्वस्त हो जाना चाहिए.

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NOC या अनापत्ति प्रमाणपत्र :


किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले इसका अनापत्ति प्रमाणपत्र या नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना बहुत जरूरी है. आप फ्लैट ले रहे हैं तो आपके लिए उसकी सोसायटी और टावर के NOC की जानकारी होनी चाहिए. 

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कमेंसमेंट सर्टिफिकेट (commencement certificate) :

इसे कंस्ट्रक्शन क्लियरेंस सर्टिफिकेट के रूप में जाना जाता है और इसे फ्लैट या निर्माणाधीन संपत्ति को खरीदने से पहले ले लें वर्ना बाद में परेशानी हो सकती है. यहां पर आप जान सकते हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने से जुड़े जानकारों का इस बारे में क्या कहना है.


NoBroker.com के सह संस्थापक और सीटीओ अखिल गुप्ता (Co-Founder and CTO Akhil Gupta) का कहना है कि मौजूदा अचल संपत्ति बाजार में संपत्ति खरीदने के सभी पेशेवरों के बावजूद यह योजना हाशिए पर जा सकती है.

और संपत्ति की उचित कीमत से अधिक असुविधा और तनाव पैदा कर सकती है. इस संदर्भ में, संपत्ति खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य पांच प्रमुख बातें यहां दी गई हैं:

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संपत्ति के मालिकाना हक की जांच :

खरीदने से पहले, संपत्ति के स्वामित्व के बारे में शोध करना महत्वपूर्ण है. टाइटल डीड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है जिसे घर या कुछ और खरीदने से पहले सत्यापित किया जाना चाहिए जो वास्तविक स्वामित्व को इंगित करने में मदद करता है. 

यह मालिक के अधिकारों और दायित्वों और एक बंधक के अधिकारों को भी बताता है, यदि मालिक द्वारा यह सत्यापित करने के लिए आवश्यक है कि स्वामित्व हस्तांतरण, विभाजन, रूपांतरण, उत्परिवर्तन (ownership transfer, division, conversion, mutation) आदि के संबंध में कोई समस्या नहीं है. 

यह सत्यापित करना भी अनिवार्य है कि जिस भूमि पर संपत्ति बनी है वह कानूनी रूप से खरीदी गई है और यदि इसका निर्माण प्रदान की गई अनुमतियों के अनुपालन में किया गया है. 

एक वकील द्वारा मालिकाना दस्तावेज की समीक्षा करने की सलाह दी जाती है. शुक्र है, नो ब्रोकर जैसी प्रॉपटेक फर्मों द्वारा ऑनलाइन कानूनी सहायता की मदद से, यह सेवा अब परेशानी मुक्त हो गई है.

कर्ज भार प्रमाणपत्र का सत्यापन:  कानूनी पेशेवर की मदद लें :

संपत्ति एक मूर्त संपत्ति है, और वर्षों से यह स्थानीय नगर निगम द्वारा कुछ करों को वहन करती है. इस प्रकार यह सत्यापित करना आवश्यक है कि उसके पास कोई बकाया नहीं है जिसके लिए एक खरीदार को ऋणभार प्रमाण पत्र की जांच करनी चाहिए. 

एक भार प्रमाणपत्र यह साबित करता है कि आपकी संपत्ति पर कोई मौद्रिक और कानूनी देनदारी नहीं है. इसे उप-पंजीयक के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है जहां संपत्ति पंजीकृत की गई है. यह जांचना एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि यह 30 साल पहले तक जा सकता है.

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प्रारंभ प्रमाण पत्र (कमेंसमेंट सर्टिफिकेट) :

इसे कंस्ट्रक्शन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (Construction Clearance Certificate) के रूप में भी जाना जाता है. यह दस्तावेज अनिवार्य है जब आप किसी डेवलपर से निर्माणाधीन संपत्ति खरीद रहे हों. यह एक बिल्डर का फ्लैट, जमीन या घर हो सकता है. इसमें कहा गया है कि स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी, लाइसेंस और अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण शुरू हुआ है.

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लेआउट या भवन योजना :

लेआउट योजनाओं को उपयुक्त योजना अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए. घर खरीदारों को सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां डेवलपर्स (devloper) अतिरिक्त मंजिलों को जोड़कर या खुले क्षेत्रों को कम करके अनुमोदित लेआउट से अलग हट गए हैं. यह एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसे संपत्ति खरीद को अंतिम रूप देने से पहले क्रॉस-चेक किया जाना चाहिए.

आमतौर पर, एक भवन योजना को स्थानीय नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया जाता है. इसे साइट योजना के रूप में भी जाना जाता है और इस दस्तावेज में परियोजना, उपकरण लेआउट और उपयोगिताओं का एक खाका शामिल है. कोई भी अनधिकृत या अतिरिक्त निर्माण बाद में ध्वस्त होने या कब्जा करने से इनकार करने का जोखिम उठाता है.

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कब्जा (Occupancy) या ओसी प्रमाणपत्र :

अंतिम लेकिन कम से कम, यह प्रमाण पत्र भी स्थानीय अधिकारियों द्वारा परियोजना के निर्माण के पूरा होने के बाद ही जारी किया जाता है. यह दस्तावेज प्रमाणित करता है कि संपत्ति का निर्माण प्रदान की गई अनुमतियों के अनुपालन में किया गया है.

इसलिए, इस स्तर पर डेवलपर ने सभी आवश्यक पानी, सीवेज और बिजली के कनेक्शन पूरे कर लिए होंगे. यह सुनिश्चित करता है कि इमारत व्यवसाय के उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है और संपत्ति खरीदने वाले लोगों के पास हो सकती है.

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