Income Tax : अब 7 लाख इनकम पर नहीं भरना पड़ेगा टैक्स, जानिए ये ख़ास फार्मूला
Income Tax : साल 2020 में सरकार ने New Tax Slab पेश किया था, जो अधिकतर आयकरदाताओं को पसंद नहीं आया था. फिर उसी में पिछले साल बदलाव किया गया. पहले 6 टैक्स स्लैब थे इनकम टैक्स भरने की अंतिम तारीख जारी कर दी गई है. जिसके चलते बहुत से लोग इनकम टैक्स बचाने के तरीके अपनाते रहते हैं. आप लोगों की जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि 7 लाख से कम इनकम वाले इस फॅार्मूले से टैक्स भरने से बचा सकते हैं आइए जानते है पूरी जानकारी खबर में विस्तार से...
HARYANA NEWS HUB (ब्यूरो) : हर शख्स को इनकम टैक्स फाइल करना चाहिए। चाहे वह इनकम टैक्स के स्लैब में आता हो या न आता हो। इनकम टैक्स फाइल करने की पुरानी व्यवस्था के अनुसार 2.50 लाख रुपये और नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार 3 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता
अगर आपकी कमाई 7 लाख रुपये है, तो भी आप अपने टैक्स देनदारी जीरो कर सकते हैं आइए जानते है पूरी जानकारी खबर में विस्तार से...
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ऐसे जानें, कैसे होगी इनकम टैक्स फ्री :
कोई भी शख्स टैक्स की पुरानी और नई किसी भी व्यवस्था के अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है। मान लीजिए किसी शख्स की सालाना कमाई 7.50 लाख रुपये है। वह दोनों व्यवस्थाओं के तहत इस प्रकार अपना टैक्स जीरो कर सकता है
पुरानी व्यवस्था के अनुसार :
50 हजार रुपये की छूट HRA में मिल जाएगी।
50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
1.50 लाख रुपये 80C में निवेश करके बचा सकते हैं।
ये सारी चीजें काटने के बाद 12,500 रुपये की टैक्स देनदारी बनेगी जिस पर इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत छूट मिल जाएगी।
इस प्रकार 7.50 लाख रुपये की सालाना सैलरी पर भी कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा।
नई व्यवस्था के अनुसार :
50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
बाकी बची रकम पर 25 हजार रुपये की टैक्स देनदारी बनेगी जिस पर इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत छूट मिल जाएगी।
इस प्रकार नई व्यवस्था के तहत भी 7.50 लाख रुपये की सैलरी पर कुछ भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
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किनके लिए सही है पुरानी व्यवस्था :
लोग जो अपनी बचत को लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस या दूसरी टैक्स सेविंग्स स्कीम्स में इन्वेस्ट करते हैं।
अगर मकान के लिए लोन लिया है और उसकी EMI चल रही है।
80G के तहत दान देकर डिडक्शन हासिल कर सकते हैं।
किनके लिए सही है नई व्यवस्था :
नई नौकरी है। सैलरी कम है और रकम कहीं भी इन्वेस्ट नहीं की है।
पुराने एम्प्लॉई, जिन्होंने किसी भी प्रकार का इन्वेस्टमेंट नहीं किया है और न ही उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई लोन है।
बदल सकते हैं टैक्स स्लैब :
अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स फाइल करने की व्यवस्था नहीं चुनी है तो इसे इनकम टैक्स फाइल करते समय चुन सकते हैं। हर साल किसी भी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जा सकता है।