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CIBIL Score : किसानों के द्वारा लोन लिए जाने पर भी चेक किया जाता है सिबिल स्कोर, जानिए बैंकों के नियम

CIBIL Score : बता दें कि कुछ लोग समझते हैं. कि बैंक सिर्फ पर्सनल लोन या होम लोन लेने पर ही सिविल स्कोर चेक करता है. परंतु ऐसी कोई बात नहीं है. कृषी लोन लेने पर भी बैंक कर्ज देने से पहले किसान का सिविल स्कोर चेक करता है। ऐसे में बैंकों के नियम की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आईए जानते हैं नीचे खबर में क्या है बैंकों के नियम

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किसानों के द्वारा लोन लिए जाने पर भी चेक किया जाता है सिबिल स्कोर, जानिए बैंकों के नियम

HARYANA NEWS HUB : लोगों को लगता है कि बैंक सिर्फ पर्सनल लोन या होम लोन लेने पर ही सिबिल स्कोर चेक करता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. कृषि लोन लेने पर ही बैंक कर्ज देने से पहले किसान का सिबिल स्कोर चेक करता है. यदि किसान का सिबिल स्कोर 750 या इससे अधिक होता है, तो बैंक असानी से किसान को लोन दे देता है. यदि 750 से सिबिल स्कोर कम होता है, तो बैंक किसानों को कर्ज देने से इनकार कर देता है. ऐसे में किसानों को साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है, जिससे वे कर्ज तले डूबते चले जाते हैं.


कैसे सुधारें सिबिल स्कोर-
यदि बैंक ने आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया है, तो अपनी छवि सुधारने के लिए सिबिल स्कोर को बढ़ाना होगा. इसके लिए जिस बैंक से आपने कर्ज लिया है, प्याज सहित पूरी किस्त का भुगतान समय पर कर दें. इसके बाद आपके क्रेडिट स्कोर में बढ़ोतरी हो जाएगी. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि अपनी इनकम के हिसाब से ही किसानों को लोन लेना चाहिए. ऐसे में कर्ज चुकाना आसान होता है.


कृषि लोन देने से पहले बैंक क्या-क्या चेक करता है-
कृषि लोन देने से पहले बैंक सबसे पहले किसान की उम्र देखता है. कर्ज लेने वाले किसान की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. वहीं, लोन लेने वाले किसान का क्रेडिट स्कोर 750 या इससे अधिक होना चाहिए. इसके अलावा किसान के पास अपनी जमीन भी होनी चाहिए. उनके पास भू स्वामित्व का प्रमाण और आय का प्रमाण भी होना चाहिए. वहीं, बैंक लोन देने से पहले किसान की इनकम भी देखता है. वहीं, सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक आपके लोन आवेदन पर निर्णय लेगा. 

क्या होता है सिबिल स्कोर-
सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है. यह कर्ज लेने वाले व्यक्ति का एक तरह का क्रेडिट इतिहास है. जब कोई किसान कर्ज लेने जाता है, तो बैंक उनका क्रेडिट स्कोर चेक करता है. बैंक देखता है कि आवेदक के ऊपर पहले से भी कर्ज है. बैंक यह भी देखता है कि यदि किसान के ऊपर पहले से कर्ज है, तो वह समय पर किस्तों का भुगतान कर पा रहा है कि नहीं. ऐसे व्यक्तियों के लिए क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. लेकिन 750 या इससे अधिक क्रेडिट स्कोर होने पर बैंक असानी से किसी किसानों को लोन दे देते हैं.


किसान इस तरह ले सकते हैं लोन-
दरअसल, देश में करोड़ों किसान खेती करने के लिए सरकारी और सहकारी बैंकों से कृषि लोन लेते हैं. कई बार किसान समय पर किस्तों का भुगतान नहीं कर पाते हैं. ऐसे में बैंक उन्हें डिफॉल्टर भी घोषित कर देता है. इसके बाद बैंकों से कर्ज लेने के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं. कई बार किसान तो फसल खराब हो जाने या खेती में घाटा लगने की वजह से भी कर्ज नहीं चुका पाते हैं.


ऐसी स्थिति में उनका क्रेडिट स्कोर 750 से नीचे आ जाता है और बैंक उन्हें फिर से लोन देने से इनकार कर देते हैं. खास बात यह है कि खेती- किसानी के लिए किसान कई तरह के लोन लेते हैं. इसमें किसान क्रेडिट कार्ज, ट्रैक्टर लोन, पर्सनल लोन और गोल्ड लोन आदि शामिल है.