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Bank Locker : बैंक में लॉकर रखने वाले जान लें ये नियम

Bank Locker News : क्या आप भी बैंक में लॉकर में रखते है अगर हां तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे बैंक के लॉकर के इन पांच नियमों के बारे में. आपको बता दें कि ये नियम बैंक लॉकर वालों के बहुत काम के है। आइए नीचे आर्टिकल में जानते है इन नियमों के बारे में.

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Bank Locker : बैंक में लॉकर रखने वाले जान लें ये नियम

HARYANA NEWS HUB : काफी सारे बैंक आजकल लॉकर की फैसिलिटी( bank locker facility ) देते हैं। इसमें लोग अपने जरूरत के सामान जैसे ज्वैलरी, डॉक्यूमेंट, आदि रखते हैं। इसे सेफ डिपॉजिट लॉकर( safe deposit locker ) भी कहा जाता है। इसे यूज करने के लिए कस्टमर को चार्ज भी देना होता है। इसे लेकर कई नियम भी हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। यहां जानिए बैंक लॉकर इस्तेमाल( bank locker use )करने के वह खास नियम कौन-से हैं।


ऐसा जरूरी नहीं है कि जिस बैंक में आप लॉकर खुलवाना चाहते हैं उसमें आपका अकाउंट भी हो। आप यह सेफ डिपॉजिट लॉकर किसी भी बैंक में खुलवा सकते हैं।


अगर आप लॉकर सुरक्षित( locker safe ) करना चाहते हैं तो बैंक आपसे फिक्स्ड डिपॉजिट( FD )खोलने की रिक्वेस्ट कर सकता है। ज्यादातर बैंक ऐसा उन कस्टमर्स के साथ करता जो बैंक में नए होते हैं। हालांकि यह सख्त लग सकता है। यह इसलिए कहा जाता है कि अगर लॉकर की चूक की स्थिति में बैंक के पास सहारा है।

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आप बैंक लॉकर में जो भी सामान रखते हैं उसका इंश्योरेंस( insurance ) नहीं होता। बैंक आपके लॉकर की में रखी चीज के लिए इंश्योरेंस भी ऑफर नहीं कर सकता। बैंक की देनदारी सालाना लॉकर किराए के 100 गुना तक सीमित है। अगर आपके लॉकर का सालाना किराया 5000 रुपये है, तो आपको 5 लाख रुपये तक के नुकसान से सुरक्षा मिलेगी।


जब लॉकर की बात आती है तो कई लोग नामांकन/नॉमिनेशन के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं। आपके लॉकर के साथ एक नॉमिनी का जुड़ा होना और उसके अधिकारों और शक्तियों को चुनने, बदलने या समझने के प्रोसेस को समझना जरूरी है। इसके अलावा नॉमिनी का यह भी समझना जरूरी है कि लॉकर होल्डर के मरने के बाद उसे बैंक लॉकर के साथ क्या करना चाहिए।

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एक और दिक्कत होती है जब बैंक कह दे कि देने के लिए कोई लॉकर उपलब्ध ही नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त 2021 में RBI मानदंडों में बदलावों के बाद, बैंक अब खाली लॉकर के साथ-साथ ग्राहकों की वेटलिस्ट का रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए बाध्य हैं।

इसका मतलब साफ है कि जब कस्टमर किसी बैंक में लॉकर के लिए अप्लाई करते हैं तो उन्हें आपका एप्लीकेशन को स्वीकार करना होगा, उसका जवाब देना होगा, और या तो आपकी पसंद के मुताबिक उपलब्ध होने पर आपको लॉकर देना होगा, या आपको वेटलिस्ट नंबर देना होगा।