home page

Rent Rules 2024 : किराएदार किराया देने से कर रहा है मना, बस कर दे काम, दौड़कर आएगा पैसे लेकर

House on Rent : आप सभी को पता ही होगा कि महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि शहरों में घर खरीदने की सोच भी नहीं सकते है। ऐसे में अगर नौकरी करे या फिर कुछ और काम करे तो किराए पर ही घर लेकर रहते है। किराएदार और मकान मालिक के बीच रेंट या फिर कोई चीज का लेकर अनबन चलती रहती है। लेकिन अगर आपने भी मकान किराए पर दिया हुआ और किराएदार किराया देने से मना कर रहा है। तो आपको बस ये काम करना होगा और फिर किराएदार दौड़कर आपके पास आएगा और आपका किराया देकर जाएगा। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में।

 | 
Rent Rules 2024 : किराएदार किराया देने से कर रहा है मना, बस कर दे काम, दौड़कर आएगा पैसे लेकर

HR NEWS HUB (ब्यूरो) : आप सभी तो जानते ही होंगे कि प्रॉपर्टी के दाम आसमान को छूने लगे है। ऐसे में आम लोग घर खरीदने की सोच भी नहीं सकते है।रोजी-रोटी की तलाश में महानगरों में आगे अधिकांश लोग किराये पर रहकर(Most of the people in metropolitan cities live on rent.) ही अपनी जीवन बसर करते हैं।

लोगों की इसी बेबसी के चलते किरायेदारी भी एक बड़ा उद्योगक बन गया है। खासकर महानगरों में तो ऐसे हजारों-लाखों लोग मिल जाएंगे जिनकी कमाई का माध्यम ही किरायेदार(Tenant is the only source of income) हैं। वहीं, मकान मालिक और किरायेदार के बीच वाद विवाद के मामले आए दिन सुनने को मिलते हैं।

आमतौर पर किरायेदार के समय पर किराया (House Rent) न चुकाने के मामले ज्‍यादा सामने आते हैं। अगर आपका किरायेदार भी आपको किराया देने से इंकार कर रहा है(The tenant is refusing to pay you rent), तो उससे किराया वसूलने के कई तरीके हैं। ऐसी स्थिति में झगड़ना बिल्‍कुल नहीं चाहिए, बल्कि उपलब्ध कानूनी विकल्पों का इस्‍तेमाल कर अपना बकाया पैसा हासिल करने का रास्‍ता अपनाना चाहिए। किरायेदार से किराया निकलवाने के कई रास्‍ते आपके पास हैं।

OPS vs NPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर आई बड़ी खबर, जाने ताजा अपडेट

रेंट एग्रीमेंट है जरूरी :

किरायेदार से किराया वसूलने(How to collect rent from tenant) में मकान मालिक और किराएदार के बीच हुआ रेंट एग्रीमेंट बहुत काम आता है। इस दस्‍तावेज में ही किराये की राशि, देय तिथि और भुगतान न करने के परिणाम शामिल हैं। यह दस्तावेज़ ही मकान मालिक द्वारा की जाने वाली किसी भी कानूनी कार्रवाई का आधार होता है।

आमतौर पर हर मकान मालिक किरायेदार से सिक्‍योरिटी के रूप में कुछ पैसे जमा कराता है। यह राशि ही किराया न चुकाए जाने की स्थिति में पैसा वसूलने में मदद करती है। सिक्योरिटी डिपॉजिट्स मकान मालिकों को किराए का भुगतान न करने या किरायेदारी के दौरान किरायेदारों द्वारा संपत्ति को होने वाले नुकसान के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। किरायेदार के किराया देने से आनाकानी करने पर आप उसे बताएं कि आप उसके द्वारा जमा सिक्‍योरिटी राशि से किराया काट लेंगे।

Chanakya Niti : पुरुषों में इन 4 चीजों को देखते ही फिदा हो जाती है महिलाएं

पहले दें कानूनी नोटिस :

अगर किरायेदार निश्चित तारीख पर किराया नहीं देता है, तो किराये की वसूली के लिए आप कानूनी नोटिस भी भेज सकते हैं। नोटिस में बकाया किराए (Unpaid Rent) का डिटेल, भुगतान की समय सीमा और गैर-अनुपालन के परिणाम शामिल होने चाहिए। सुनिश्चित करें कि नोटिस इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट 1872 के तहत बताई गई सभी कानूनी शर्तों के अनुरूप हो।

कोर्ट में करें केस :

अगर किरायेदार कानूनी नोटिस देने के बाद भी किराया नहीं देता है, तो आप अदालत में केस दायर कर सकते हैं। शुरू में आपको निचली अदालत में ही केस दायर करना होगा। अगर आप किराया पाने के हकदार होंगे और आपने कांट्रेक्‍ट की सभी शर्तों को पूरा किया होगा तो कोर्ट आपके पक्ष में फैसला सुना देगी।

Chanakya Niti : पुरुषों में इन 4 चीजों को देखते ही फिदा हो जाती है महिलाएं

बेदखली कार्यवाही :

अगर किरायेदार लगातार किराया देने में विफल रहता है, तो आप बेदखली की कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं। भारत में बेदखली कानून अलग-अलग राज्‍यों में भिन्‍न-भिन्‍न हैं। किरायेदार को अपनी संपत्ति से निकालने के लिए बेदखली प्रक्रिया के वाद दायर करने से पहले अच्‍छे अधिवक्‍ता से सलाह जरूर लें।

मकान मालिक के अधिकार :

अब मकान मालिक के अधिकारों की बात करें तो मकान मालिक किरायेदार को ठोस वजह से अपने घर से बेदखल कर सकता है। अगर किरायेदार किराया नहीं चुका रहा है या फिर घर में किसी भी तरह का कोई गैरकानूनी काम चल रहा है तो मकान मालिक का अधिकार है कि वो अपना घर खाली करने को कहे। मकान मालिक को अधिकार है कि वो किरायेदार से सिक्योरिटी मनी ले सकता है,

OPS vs NPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर आई बड़ी खबर, जाने ताजा अपडेट

ये वो राशि होती है जिसमें मकान या फ्लैट को पहुंचाई गए नुकसान की भरपाई हो सकती है। हर बार 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट पूरा होने के बाद मकान मालिक किराया बढ़ाने की मांग कर सकता है। किसी भी नियम के उल्लंघन पर मकान मालिक कानूनी कार्रवाई कर सकता है और कोर्ट में मुआवजे की भी मांग की जा सकती है। 

क्या हैं किरायेदारों के अधिकार (What is Tenant Rights) :

आदर्श किराएदारी अधिनियम के मुताबिक, किरायेदारों को सिक्योरिटी मनी यानी जमानत राशि दो महीने के किराये से ज्यादा नहीं देनी चाहिए। किरायेदार के मकान छोड़ने के एक महीने के अंदर मकान मालिक को सिक्योरिटी मनी वापस देनी होगी। मकान मालिक द्वारा किराया बढ़ाने के लिए कम से कम तीन महीने पहले किरायेदार को नोटिस देगा। इस नोटिस के दौरान अगर दोनों पक्षों में आपसी संबंधों के आधार पर सहमति हो जाती है तो हो सकता है किराया न भी बढ़े।

बिना जानकारी के मकान मालिक की एंट्री नहीं :

ऐसा नहीं है कि प्रॉपर्टी मकान मालिक है तो जब चाहे किरायेदार के मकान में धमक जाए। अगर मकान मालिक को अपनी किराये की प्रॉपर्टी का मुआयना करना है तो उसे अपने आने से 24 घंटे पहले किरायेदार को सूचित करना होगा।
रेंट एग्रीमेंट की अवधि में किराया नहीं बढ़ाया जा सकता है। मकान मालिक और किरायेदार की आपसी सहमति के बाद ही किराया बढ़ाया जा सकता है।

OPS vs NPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर आई बड़ी खबर, जाने ताजा अपडेट

नहीं काट सकेगा बिजली-पानी कनेक्शन :

कई बार ऐसा देखने में आया है कि कोई विवाद होने पर मकान मालिक किरायेदार के बिजली-पानी के कनेक्शन काट देता है। कानूनन यह बिल्कुल गलत है। किसी भी विवाद की स्थिति में मकान मालिक किरायेदार को दी जा रही बिजली-पानी की आपूर्ति को रद्द नहीं कर सकता है।

रेनोवेशन के बाद किराये में इजाफा :

कानून कहता है कि किराये पर चढ़ी प्रॉपर्टी की देखभाल के लिए किरायेदार और मकानमालिक, दोनों ही जिम्मेदार होंगे। अगर प्रॉपर्टी का स्वामी प्रॉपर्टी में कुछ सुधार कराता है तो वह रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद किराया बढ़ाने की पेशकश कर सकता है। लेकिन किराया बढ़ाने के लिए उसे किरायेदार से विचार-विमर्श करना होगा।

हां, अगर रेंट अग्रीमेंट लागू होने के बाद बिल्डिंग के ढांचे में कोई खराबी आती है और प्रॉपर्टी मालिक उसे दुरुस्त कराने की स्थिति में नहीं है तो किरायेदार किराया कम करने को कह सकता है।

OPS vs NPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर आई बड़ी खबर, जाने ताजा अपडेट

मकान की रिपेयरिंग जिम्मेदारी :

किराये की प्रॉपर्टी की देखभाल प्रॉपर्टी स्वामी और किरायेदार, दोनों को मिलकर करनी होती है। पानी के कनेक्शन को ठीक करवाना, बिजली कनेक्शन की मरम्मत, खिड़की-दरवाजों के शीशे बदलवाने, गार्डन या खुली जगहों के मेंटेनेंस, प्रॉपर्टी को जानबूझकर होने वाले नुकसान से बचाने आदि की जिम्‍मेदारी किरायेदार की ही होगी। पुताई-रंगरोगन आदि की जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी।