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Property Rules : जानिए किराएदार का प्रॉपर्टी पर कब हो जाता है कब्जा, मकान मालिक जानें ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट

Property Possession : क्या आप जानते है कि किराएदार प्रॉपर्टी पर कब्जा कब कर सकता है। आपको बता दें कि बहुत से लोगों को नहीं पता है कि एडवर्स पजेशन में किराएदार घर पर कब्जा कर सकता है। क्या आप जानते है कि ऐसे हालात से बचने के लिए मकान मालिक को क्या करना चाहिए। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में इस अपडेट के बारे में।

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Property Rules : जानिए किराएदार का प्रॉपर्टी पर कब हो जाता है कब्जा, मकान मालिक जानें ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट

HARYANA NEWS HUB : घर, जमीन, दुकान को वैसे तो अचल संपत्ति( Immovable property ) माना जाता है, यानी इसे कोई चुरा नहीं सकता, परंतु प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे( illegal occupation of property ) का डर तो बना ही रहता है। खासकर तब, जब आपने अपना घर, दुकान या जमीन किराये पर दी हो। यदि किसी संपत्ति पर किसी व्यक्ति का 12 साल से अधिक समय से कब्जा( has been in possession for 12 years ) है तो अदालत में उसका पक्ष लिया जाएगा, मालिक का नहीं। पहले बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब जागरुकता आ रही है और लोग सजग हो रहे हैं।


प्रॉपर्टी को इस तरह से ले लेने को ‘प्रतिकूल कब्ज़ा कानून’( ‘Adverse possession law’ ) यानी एडवर्स पजेशन( adverse possession ) कहा जाता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को मकान या दुकान किराये पर देने से पहले कुछ जरूरी सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि कब्जे से जुड़े विवाद( disputes related to possession ) की नौबत न आए। यदि आपने भी कोई प्रॉपर्टी किराये पर दी हुई है या फिर आपके किसी जानकार ने प्रॉपर्टी किराये पर( property on rent) दी है तो आपको इस बारे में डिटेल से जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।

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क्या है एडवर्स पजेशन :

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट (Transfer of property act) के अनुसार, एडवर्स पजेशन के तहत अगर कोई व्यक्ति 12 साल तक किसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन रखता है, तो वह संपत्ति पर अधिकार जता सकता है। इसमें जिसके कब्जे में संपत्ति होती हैं, वह उसे बेचने का अधिकारी बन होता है।

हालांकि, एडवर्स पजेशन की शर्तें काफी कठिन होती हैं, लेकिन आपकी छोटी-सी भूल के चलते आपकी संपत्ति विवाद के घेरे में आ सकती है। इसलिए किराये के मकान या दुकान में रहने वाले किरायेदार इस कानून का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। कई बार ऐसा हुआ है जब इस कानून की वजह से भू-स्वामी को अपनी संपत्ति गंवानी पड़ी। हालांकि, यह कानून सरकारी संपत्ति पर लागू नहीं होता है।

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कभी ना करें ये भूल :

देश के ज्यादातर लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि एडवर्स पजेशन में किरायेदार घर पर कब्जा कर सकता है। अब सवाल उठता है कि ऐसे हालात से बचने के लिए मकान मालिक क्या करे।


सबसे जरूरी बात है कि मकान, दुकान या जमीन किराये पर देने से पहले अपने मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट बनवाएं और 11 महीने की अवधि पूरी होने पर इसे बनवाते रहें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके पास एक सबूत के तौर पर रहेगा कि आपने अपनी संपत्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किराए पर दे रखी है।


रेंट एग्रीमेंट यानी किरायानामा में किराए से लेकर और भी कई तरह की जानकारियां लिखी रहती हैं। रेंट एग्रीमेंट हमेशा 11 महीने के लिए ही बनता है। जब मकान मालिक लगातार 12 महीने और फिर लगातार कई सालों तक अपनी प्रॉपर्टी किराये पर नहीं दिखाता, तो एडवर्स पजेशन नहीं हो सकता।