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Property Rights : प्रॉपर्टी पर कब्जा होने पर सामान को फेंक सकते है बहार, जानिए कैसे खाली कराए कब्जे की प्रॉपर्टी

property : आपने अगर देखा हो तो बहुत से लोग प्रॉपर्टी खरीदकर और फिर उसे किराए के लिए दे देते है। लेकिन फिर उस प्रॉपर्टी की संभाल नहीं करते है क्योंकि प्रॉपर्टी का किराया खाता में हर महीने पहुंच जाता है, और फिर कुछ साल बाद उस प्रॉपर्टी पर कब्जा हो जाता है। इसी कारण से देश की अदालत में प्रॉपर्टी से जुड़े लाखों केस पड़े है। लेकिन अगर आपकी प्रॉपर्टी पर भी किसी ने कब्जा कर लिया है तो आपके पास कई अधिकार है। ऐसे में आइए नीचे आर्टिकल में जानते है।

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Property Rights : प्रॉपर्टी पर कब्जा होने पर सामान को फेंक सकते है बहार, जानिए कैसे खाली कराए कब्जे की प्रॉपर्टी

HR NEWS HUB (ब्यूरो) : प्रॉपर्टी पर कब्जा होना ये कोई नई बात नहीं है। कई सालों से ऐसा हो रहा है। हालांकि, अब सभी रिकॉर्ड पूरी ऑनलाइन(records complete online) होने के चलते कई राज्यों में यह समस्या समाप्त हो गई है। फिर भी आए दिन हमें कहीं न कहीं से अवैध कब्जे को लेकर(law regarding illegal occupation) झगड़े सुनने में मिल ही जाते हैं।

प्रॉपर्टी पर यदि कोई अवैध कब्जा(illegal occupation of property) कर भी लेता है तो उससे झगड़ा करने का कोई मतलब नहीं है। आप चाहें तो बहुत आसान तरीके से कब्जा(How to get rid of possession easily) छुड़वा सकते हैं। इस मामले में सरकारी तंत्र खुद मदद करता है, परंतु बहुत सारे लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। यदि आप इसे जान लेंगे तो आप खुद कभी ऐसी मुसीबत में नहीं फंसेंगे और दूसरों को भी इस तरह के झमेले से बचा लेंगे।

वैसे तो देश के कानून (Law of India) में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है, परंतु कुछ ऐसे मामले भी हैं जहां लोगों को हिंसात्मक कार्रवाई(violent action) करने की छूट मिलती है। जैसे कि आप अपनी आत्मरक्षा के लिए हिंसा का सहारा ले सकते हैं। 

इसी कानून के अनुसार आप अपनी मेहनत की बनाई पूंजी से खरीदी गई जमीन (Property) से अवैध कब्जा (Illegal possession) हटवा सकते हैं।  कब्जा हटवाने के लिए आप लाठी-डंडे व बंदूक तक इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं, जिससे जानना आपके लिए जरूरी है।


इस कानून में स्पष्ट कही गई है ये बात :

भारतीय संविधान (Indian Constitution) हर व्यक्ति को आत्‍मरक्षा यानी सेल्‍फ डिफेंस का अधिकार देता है। कानून की धारा 96 से लेकर 106 तक में आत्‍मरक्षा के अधिकार के नियम और प्रावधान बताए गए हैं। इस कानून में साफ कहा गया है कि कोई भी नागरिक अपनी जान और संपत्ति की सुरक्षा का अधिकार (right to security of property) रखता है। 

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ये अधिकार इस कदर आप लागू कर सकते हैं कि अगर कोई जबरदस्‍ती आपको या फिर आपकी Property को नुकसान पहुंचाता है तो आप उसकी जान तक ले सकते हैं।  अमूमन कोर्ट के जरिये भी इस विवाद को सुलझाया जा सकता है, लेकिन इसमें लंबा वक्त लेगा।

सक्षम हैं तो कर सकते हैं बल प्रयोग :

वहीं, अगर आप सक्षम हैं तो कानून आपको बल प्रयोग के जरिये भी अपनी संपत्ति पाने का अधिकार देता है।  अगर आप प्रोपर्टी की सुरक्षा के लिए बल प्रयोग करते हैं तो सामने वाली जान तक ले सकते हैं। 


यानी की आप ताकत के जरिये आपनी संपत्ति पर किए गए कब्जे (Property Possession) को छुड़वा सकते हैं। हालांकि आपको ऐसे विवाद से बचना चाहिए और किसी की जान लेने के बारे में कतई नहीं सोचना चाहिए।  इसकी बड़ी वजह ये है कि फिर विवाद और ज्यादा बढ़ सकता है और ऐसे में कुछ भी हो सकता है।

ये कानून कैसे करता है काम, जानिये :

अगर किसी ने आपकी प्रोपर्टी पर कब्‍जा करके उस पर कोई निर्माण कार्य कर लिया है और अपना सामान भी वहां रख दिया है तो ये कानून आपको वापस अपनी संपत्ति पाने के लिए बल प्रयोग करने की इजाजत देता है।  आप न सिर्फ उसकी संपत्ति को गिराकर उस पर दोबारा कब्‍जा कर सकते हैं, बल्कि कब्जा करने वाला का सामान भी  बाहर निकालकर फेंक सकते हैं । 

आपकी ही होगी सुनवाई :

आम तौर पर किसी की संपत्ति या निर्माण को गिराने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, लेकिन आत्‍मरक्षा के अधिकार के कानून का संरक्षण (Protection of Law) अगर आपको प्राप्‍त होता है तो ऐसे मामलों में आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती। इतना ही नहीं अगर दूसरा पक्ष आपके खिलाफ कोर्ट में या पुलिस में शिकायत करता है तो   वहां पर भी आपके पक्ष में ही सुनवाई होगी। 

इन धाराओं में होता है मामला दर्ज -

IPC की धारा 420 :


यह काफी चर्चित धारा है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से धोखाधड़ी के अनेक मामलों किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर उसकी संपत्ति से हटाया गया है, तो ये कानून इस्तेमाल में लाया जा सकता है। किसी भी पीड़ित को सबसे पहले इसे इस्तेमाल में लाना चाहिए।

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आईपीसी की धारा 406 :

इस कानून का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी में सेंध लगाता है। इसे भी संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है। पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा सकता है।

धारा 467 :

अगर किसी संपत्ति को फर्जी तरीके से तैयार दस्तावेजों के माध्यम से हथियाया जाता है तब यह कानून लागू होता है। इसे कूटरचना कानून के तौर पर भी जाना जाता है। इसमें कूटनीति के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी की संपत्ति हथियाने के मामले का निपटान किया जाता है।