home page

Property : ससुर की प्रॉपर्टी में दामाद का कितना होता है हक, जानिए हाई कोर्ट का फैसला

Property News : आपको पता ही होगा की भारत में प्रॉपर्टी को लेकर अलग-अलग कानून होते है। प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होता है। लेकिन प्रॉपर्टी संबंधी अधिकारों के कानून और नियमों के बारे में सभी के लिए जानना जरूरी होता है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि ससुर की प्रॉपर्टी में दामाद का कितना अधिकार होता है। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में.

 | 
Property : ससुर की प्रॉपर्टी में दामाद का कितना होता है हक, जानिए हाई कोर्ट का फैसला

HARYANA NEWS HUB : ससुर की संपत्ति में हक मानने और मांगने वाले दामादों( Son-in-law's rights in father-in-law's property ) को यह फैसला निराश कर सकता है। केरल हाई कोर्ट ( Kerala High Court ) ने एक मामले में साफ कहा है कि ससुर की संपत्ति में दामाद को कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दामाद ससुर की जायदाद( son-in-law and father-in-law's property ) या भवन में हक का दावा नहीं कर सकता।


हाईकोर्ट ( High Court ) के जस्टिस ए. अनिल कुमार ने केरल के कन्नूर के तैलीपाराम्बा निवासी डेविस राफेल की अपील खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। डेविस ने अपने ससुर हेंड्री थॉमस की संपत्ति पर हक( Rights on the property of father-in-law Hendry Thomas ) जताया था। इससे पूर्व हेंड्री ने पयान्नुर की निचली कोर्ट में एक केस( case in court ) दायर किया था। हेंड्री ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह डेविस को उनकी संपत्ति में दखलंदाजी व वहां आने जाने पर स्थाई रोक लगाए और उन्हें अपनी संपत्ति व मकान का शांतिपूर्वक उपभोग करने दे।


हेंड्री ने दावा किया था कि उन्होंने यह संपत्ति फादर जेम्स नसरथ से और सेंटपॉल्स चर्च की ओर से तोहफे के रूप में पाई थी। इस पर उन्होंने अपने पैसों से पक्का मकान बनवाया है और वह वहां अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने दलील दी कि उनके दामाद का इस जायदाद पर कोई हक नहीं है।

Alcohol : एक बार शराब शरीर में जाते ही इतने दिनों तक रहती है अंदर, एक्सपर्ट ने कही ये बात

इस पर दामाद डेविस ने दलील दी थी कि इस संपत्ति का स्वामित्व खुद ही सवालों में है, क्योंकि यह चर्च के अधिकारियों ने दान पत्र के माध्यम से परिवार के लिए दी थी। उसने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की है और शादी के बाद उसे एक तरह से परिवार ने गोद लिया है। इसलिए उसका इस मकान व संपत्ति में रहने का हक है। इन तमाम दलीलों के बावजूद निचली कोर्ट ने फैसले में कहा था कि डेविस का हेंड्री की संपत्ति में कोई हक नहीं है।


हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि यह कहना मुश्किल है कि दामाद परिवार का एक सदस्य है। दामाद का यह कहना भी शर्मनाक है कि उसे परिवार ने हेंड्री की बेटी से शादी के बाद परिवार ने एक तरह से गोद ले लिया था।  

90 परसेंट लोगो को नही पता, UP के टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज, एडमिशन मिलते ही प्लेसमेंट होगा पक्का

ससुर की संपत्ति में बहू का कितना होता है अधिकार :

सास-ससुर की प्रॉपर्टी (Father-in-law's Property) पर बहू का कोई अधिकार नहीं है। ना ही उनके जीवित रहते और न ही उनके देहांत के बाद महिला संपत्ति (Daughter-in-law's right to property) पर क्लेम कर सकती है। सास-ससुर की मृत्यु होने पर प्रोपर्टी का अधिकार उसके पति को मिलता है। हालांकि पहले पति और उसके बाद सास-ससुर की मौत हो गई। 


ऐसी परिस्थिति में महिला को संपत्ति का अधिकार (Property Rights) मिल जाता है। इसके लिए यह जरूरी है कि सास-ससुर ने वसीयत किसी और के नाम ट्रांसफर न की हो। इतना ही नहीं माता-पिता की परमिशन के बिना बेटा भी उनके घर में नहीं रह सकता है। पुत्र कानून का सहारा लेकर भी उनके घर में रहने का दावा नहीं कर सकता है।