home page

Property Document Update : रजिस्ट्री कराने से संपत्ति के नहीं होते है मालिक, होने चाहिए ये कागजाद

Property Document : बहुत से लोग सोचते है कि रजिस्ट्री कराते ही प्रॉपर्टी हमारी हो गई और आराम से घर बैठ जाते है लेकिन ऐसा नहीं है इससे आप किसी फ्रॉड के भी शिकार हो सकते है। आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि रजिस्ट्री के बाद भी कौन-से कागजाद जरूरी होते है। आइए जानते है नीचे आर्टिकल में.

 | 
Property Document Update : रजिस्ट्री कराने से संपत्ति के नहीं होते है मालिक, होने चाहिए ये कागजाद

HARYANA NEWS HUB : आपने कई बार ऐसे मामलों के बारे में सुना होगा जिसमें एक जमीन को कई लोगों को बेच दिया जाता है। कुछ मामले को ऐसे भी होते हैं जिसमें एक जमीन पर पहले से काफी बार लोन( loan against land ) लिया होता है। ऐसी स्थिति में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन( property registration ) जिसके नाम पर होता है उसे ही इस कर्ज का भुगतान करना पड़ता है।

इसलिए ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए आपको भी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के बाद ये जरुरी डॉक्यूमेंट जरूर जान लेना चाहिए। भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि आप उसका नामंतरण यानी म्यूटेशन जरूर करवा ले. आपको ये भी पता होना चाहिए कि केवल सेल डीड से नामांतरण नहीं हो जाता है. आइए इसे विस्तार से समझते है।  

HBSE : ये स्टूडेंट होंगे अबकी बार फ़ैल, हरियाणा बोर्ड की तरफ से आया नोटिस

आखिर Property Mutation क्या है ?

हर राज्य के पास जमीन या प्रॉपर्टी के समझौते से संबंधित रिकॉर्ड होता है। इस रिकॉर्ड में जमीन के मालिकाना हक( Land ownership rights in records ) के बारे में ब्यौरा दिया जाता है। इसी के साथ इस डॉक्यूमेंट के जरिये आम आदमी की प्रॉपर्टी निवेश( property investment ) को सुरक्षित रखने में मदद करता है। जमीन के रिकॉर्ड की वजह से प्रॉपर्टी से जुड़े फ्रॉड( Property related fraud ) के मामले कम हो जाते हैं।

बिना नामांतरण के नहीं मिलता मालिकाना हक़ :

सेल डीड और नामांतरण दो अलग-अलग चीजें हैं. आमतौर पर लोग सेल और नामांतरण को एक ही समझ लेते हैं. ऐसा समझा जाता है कि रजिस्ट्री करवा ली और संपत्ति अपने नाम हो गई जबकि यह ठीक नहीं है. किसी भी संपत्ति का जब तक नामांतरण नहीं किया जाता है तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी नहीं मान सकता भले ही उसने रजिस्ट्री करवा ली हो. फिर भी संपत्ति उसकी नहीं मानी जाती क्योंकि नामांतरण तो किसी दूसरे व्यक्ति के पास होता है.

क्या है प्रॉपर्टी ट्रांसफर का पूरा प्रोसेस :

देश में तीन प्रकार की अचल संपत्ति होती है। इसमें ती की जमीन, औद्योगिक जमीन और रहने योग्य जमीन होती है। आप इन तरह के जमीन को ट्रांसफर कर सकते हैं। अगर आप खेती की जमीन को ट्रांसफर करना होता है तो आपको उस इलाके के पटवारी के पास जाना होगा। वहीं, औद्योगिक विकास केंद्र के जरिये औद्योगिक जमीन का नामांतरण किया जाता है।

वहीं आप जब घर में रहने के लिए जमीन लेते हैं तब आपको अपने इलाके के नगर पालिका, नगर निगम, या ग्राम पंचायत के पास जाना होगा। इनके द्वारा ही जमीन को ट्रांसफर किया जाता है। आप जब भी कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तब आपको उससे जुड़े सभी दस्तावेज का नामांतरण करवा लेना चाहिए। इस के बाद आपको जमीन पर पूरी तरह से मालिकाना हक मिल जाएगा।

UP वालों के लिए ताजा अपडेट, इतने दिन बंद रहेंगे ठेके, जानिए लिस्ट

कहां से मिलेगी पूरी जानकारी :

जो जमीन खेती की जमीन के रूप में दर्ज होती है ऐसी जमीन का नामांतरण उस पटवारी हल्के के पटवारी द्वारा किया जाता है. आवासीय भूमि का नामांतरण कैसे किया जाए.

आवासीय भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड उस क्षेत्र की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या फिर गांव के मामले में ग्राम पंचायत के पास होता है. वहीं औद्योगिक जमीन का रिकॉर्ड औद्योगिक विकास केंद्र जो प्रत्येक जिले में होता है उसके समक्ष रखा जाता है ऐसे औद्योगिक विकास केंद्र में जाकर यह जांच करना चाहिए.