Maldives Elections 2024 : आज भारत विरोधी मुइज्जू की अग्निपरीक्षा, जानिए क्यों है मालदीव पर भारत की नजर
Maldives : मोहम्मद मुइज्जू 2023 में इब्राहिम सोलिह को हराकर मालदीव के राष्ट्रपति बने थे. मुइज्जू ने पद संभालने के बाद भारत विरोधी कई फैसले लिए. उन्होंने भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का फैसला किया मालदीव में रविवार को देश में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाला है. इस चुनाव पर पूरे दुनिया की नजर है. भारत के साथ बिगड़े रिश्तों के साथ पहली बार राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammad Muizzu) की शत्रुतापूर्ण भारत नीति, विशेष रूप से हिंद महासागर द्वीपसमूह से भारतीय सैन्य कर्मियों को बाहर निकालने के फैसले की भी परीक्षा होगी आइए जानते है खबर में पूरी जानकारी विस्तार से...
HARYANA NEWS HUB (ब्यूरो) : मालदीव में रविवार को देश के चौथे बहुदलीय संसदीय चुनाव के लिए मतदान होगा, जिसमें पहली बार राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की शत्रुतापूर्ण भारत नीति, विशेष रूप से हिंद महासागर द्वीप समूह से भारतीय सैन्य कर्मियों को बाहर निकालने के फैसले की भी परीक्षा होगी. भारत सरकार उम्मीद कर रही है
कि मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (Maldivian Democratic Party) बहुमत हासिल करेगी आइए जानते है पूरी जानकारी नीचे दिए गए आर्टिकल में...
TOI के अनुसार मतदान से पहले, MDP के नेता और पूर्व विदेश मंत्री, अब्दुल्ला शाहिद ने बताया कि उनकी पार्टी जीत को लेकर आशावादी है. क्योंकि मुइज़ू प्रशासन पिछले 5 महीनों में घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल रहा है और मालदीव के लोग भी यह देख रहे हैं. उनकी देखरेख में लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है.
पूर्व विदेश मंत्री ने लगाया यह आरोप :
शाहिद जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष भी हैं ने कहा कि ‘मुइज्जू ‘झूठ और नफरत फैलाकर’ सत्ता में आए और सभी विकास परियोजनाएं रोक दी गईं. विपक्ष के हजारों लोगों को नौकरी से निलंबित करने और बर्खास्त करने की धमकी दी गई है. राजनीतिक संबद्धता के आधार पर आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है.’
चीन समर्थक रहे हैं मुइज्जू :
उन्होंने मजबूत विधायी निरीक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘उन्होंने मजबूत विधायी निरीक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा ‘बर्बादी और भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर है.
लोग इस प्रशासन के तहत लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों की गिरावट को स्पष्ट रूप से देख रहे हैं, और हमें विश्वास है कि वे कल अपने वोट में अपनी प्रतिक्रिया दिखाएंगे.’ मालूम हो कि अक्सर चीन समर्थक नेता के रूप में जाने जाने वाले मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में अपने एमडीपी पूर्ववर्ती इब्राहिम सोलिह को हराया था, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और चीन के बीच आमने-सामने के रूप में देखा गया था.