Ladakh : माइनस 15 डिग्री तापमान में क्यों कर रहे हैं सोनम वागचुंग अनशन? लद्दाख की जमा देने वाली ठंड मे बढ़ी सियासी गर्मी
Ladakh : -15 डिग्री तापमान में सोनम वागचुंग क्यों कर रहे हैं अनशन। दरअसल पर्यावरण विद् सोनम वांगचुक के अनशन को शुरू हुए 21 दिन हो गए हैं बता दें कि अब लद्दाख की जमा देने वाले ठंड में सियासी दल बड़ा मुद्दा बनाने की ओर बढ़ रहे हैं| आइए जानते हैं अनशन का कारण विस्तार से नीचे खबर में...
HR NEWS HUB, ब्युरो : मार्च के महीने में लेह का तापमान माइनस 10 से 15 डिग्री तक रहता है। लेकिन इन दिनों वहां बड़ी सियासी तपिश देखी जा रही है। यह आंच लोकसभा चुनावों के लिहाज से एक बड़ी सियासी पिच भी तैयार कर रही है। दरअसल पर्यावरणविद सोनम वांगचुक (Environmentalist Sonam Wangchuk) के शुरू हुए 21 दिन के अनशन को अब सियासी दल बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने की ओर बढ़ गए हैं। सोनम वागचुंग लद्दाख क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule of the Indian Constitution) में शामिल करने और उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अनशन पर हैं। इस पूरे अनशन में लद्दाख के अलग-अलग हिस्सों समेत पूरे देश में लोग न सिर्फ उनका समर्थन कर रहे हैं, बल्कि तीन दिन बाद 17 मार्च को एक बहुत बड़े अनशन के साथ-साथ समर्थन की तैयारी भी शुरू हुई है। सोनम को स्थानीय संगठनों ने समर्थन दिया है। इस पूरे मामले में प्रियंका गांधी ने भी न सिर्फ सोनम का समर्थन कर उनकी मांग को जायज ठहराया है, बल्कि इस अनशन को लद्दाख की जनता से जोड़कर सियासी दांव भी खेल दिया है।
पर्यावरणविद सोनम वांगचुक (Environmentalist Sonam Wangchuk) के शुरू हुए 21 दिन के अनशन को अब सियासी दल बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने की ओर बढ़ गए हैं। सोनम वागचुंग लद्दाख क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अनशन पर हैं...
Ladakh Temperature : मार्च के महीने में लेह का तापमान माइनस 10 से 15 डिग्री तक रहता है। लेकिन इन दिनों वहां बड़ी सियासी तपिश देखी जा रही है। यह आंच लोकसभा चुनावों के लिहाज से एक बड़ी सियासी पिच भी तैयार कर रही है। दरअसल पर्यावरणविद सोनम वांगचुक के शुरू हुए 21 दिन के अनशन को अब सियासी दल बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने की ओर बढ़ गए हैं। सोनम वागचुंग लद्दाख क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अनशन पर हैं। इस पूरे अनशन में लद्दाख के अलग-अलग हिस्सों समेत पूरे देश में लोग न सिर्फ उनका समर्थन कर रहे हैं, बल्कि तीन दिन बाद 17 मार्च को एक बहुत बड़े अनशन के साथ-साथ समर्थन की तैयारी भी शुरू हुई है। सोनम को स्थानीय संगठनों ने समर्थन दिया है। इस पूरे मामले में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी न सिर्फ सोनम का समर्थन कर उनकी मांग को जायज ठहराया है, बल्कि इस अनशन को लद्दाख की जनता से जोड़कर सियासी दांव भी खेल दिया है।
लेह पोलो ग्राउंड (Leh Polo Ground) के पास में एक बड़े मैदान पर बैठे सोनम वांगचुक का गुरुवार को अनशन का नवां दिन था। इस दौरान सोनम वांगचुक के साथ उनके आंदोलन को समर्थन करने वाले स्थानीय निवासी थिनलेस दोरजे ने अमर उजाला डॉट कॉम को फोन पर बताया कि रोजाना तकरीबन एक हजार लोग अनशन स्थल पर आकर सोनम वांगचुक के अनशन का समर्थन कर रहे हैं। थिनलेस दोरजे (Thinless Dorje) कहते हैं कि जितने लोग उनके समर्थन में आए, वह सभी लद्दाख के स्थानीय निवासी और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोग थे। वह कहते हैं कि लद्दाख क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की जा रही है। दोरजे का मानना है कि यह वह मांगे हैं जिन्हें भारतीय जनता पार्टी स्थानीय जनता से वादा किया था।
इस दौरान सोनम वांगचुक के साथ अनशन स्थल पर मौजूद लेह-लद्दाख होटल एंड गेस्ट हाउस (Leh-Ladakh Hotel and Guest House) संगठन के डिलेक्स कहते हैं जिन मांगों को लेकर पृदर्शन किया जा रहा है, उसे पूरे लद्दाख में समर्थन मिल रहा है। उनका कहना है कि पूरे लेह लद्दाख में उनके संगठन से ताल्लुक रखने वाले हर होटल और गेस्ट हाउस के कर्मचारियों से लेकर मालिक तक सोनम की मांगों का समर्थन करते हैं। क्योंकि लद्दाख में जब तक भारतीय संविधान की छठी अनुसूची को लागू नहीं किया जाता, तब तक यहां की 95 फ़ीसदी से ज्यादा आबादी को न्याय नहीं मिलेगा। यही वजह है कि लेह-लद्दाख के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले लोग अपने राज्य और लोगों की मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। लेह-लद्दाख बाइक संगठन के ताशी लुनडुप (Tashi Lundup) कहते हैं कि जिस तरीके से उनके राज्य के लोग इन जायज मांगों के लिए एकजुट हुए हैं, वह आने वाले दिनों में बड़े परिणाम के तौर पर सामने दिखेगा।
लद्दाख सिविल सोसाइटी से ताल्लुक रखने वाले सोनम दोरजे कहते हैं कि 17 मार्च को सिर्फ लेह-लद्दाख ही नहीं बल्कि देश और दुनिया में सोनम वांगचुक के अनशन का समर्थन करने के लिए सब लोग आगे आ रहे हैं। उनका कहना है कि लद्दाख में विकास के नाम पर अब प्रकृति का विनाश हो रहा है। दुनिया के इस सबसे प्राकृतिक क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र(Ecosystem)पर बुरा असर पड़ रहा है। सोनम कहते हैं कि यही वजह है कि अपनी मांगों को लेकर लद्दाख की जनता के साथ सोनम वांगचुक माइनस 10 से माइनस 15 डिग्री के तापमान में अनशन पर हैं। उनका कहना है कि उनकी चार प्रमुख मांगों में लद्दाख क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के साथ लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना शामिल है। इसके अलावा लद्दाख में लद्दाख पब्लिक सर्विस कमीशन के बनाए जाने की मांग है। जबकि चौथी मांग इस पूरे क्षेत्र में दो लोकसभा सीट देने की मांग भी शामिल है।
वहीं इस पूरे मामले कांग्रेस ने भी सोनम वांगचुक के अनशन का समर्थन कर दिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा ने लद्दाख की जनता से पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया। बार-बार प्रदर्शनों के बीच लद्दाख के शिक्षाविद एवं पर्यावरण कार्यकर्ता (Academician and environmental activist) सोनम वांगचुक दर्जनों लोगों के साथ माइनस 15 डिग्री तापमान में 6 मार्च से अनशन कर रहे हैं। कांग्रेस लद्दाख की जनता की आवाज के साथ खड़ी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से जिद छोड़कर लद्दाख की जनता की पूर्ण राज्य के दर्जे और 6वीं अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग का समर्थन करती है। सरकार को आंदोलन कर रहे लोगों से बात करनी चाहिए और उनकी मांग पूरी करनी चाहिए।