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Himachal Day : हिमाचल प्रदेश मना रहा अपना 76वां हिमाचल दिवस, साक्षरता दर पहुंची 7% से 82.80% ; राज्य स्तरीय समारोह राजधानी में

Himachal Day 2024 : बात दें कि आज हिमाचल प्रदेश अपना 76वां हिमाचल दिवस मना रहा है| बता दें कि हिमाचल प्रदेश 15 अप्रैल, 1948 के दिन राज्य के रूप में स्थापित हुआ| राज्यस्तरीय समारोह (State level Function)  हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Capital Shimla)  में रिज मैदान में होगा| इसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल (Governor Shiv Pratap Shukla) रास्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। आइए जानते है हिमाचल प्रदेश के इतिहास और सता दल को निचे खबर में विस्तार से...

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 Himachal Day : हिमाचल प्रदेश मना रहा अपना 76वां हिमाचल दिवस, साक्षरता दर पहुंची 7% से 82.80% ; राज्य स्तरीय समारोह राजधानी में

HARYANA NEWS HUB, (ब्यूरो) : हिमाचल प्रदेश आज 76 साल का हो गया। 15 अप्रैल, 1948 के दिन यह राज्य अस्तित्व में आया था। राज्यस्तरीय समारोह हिमाचल दिवस (State level function Himachal Day) का आयोजन रिज मैदान शिमला में होगा। इसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। आमतौर पर 15 अप्रैल को आयोजित किए जाने हिमाचल दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री ही उपस्थित होते हैं, मगर इस बार लोकसभा चुनाव के चलते आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। इसलिए इस बार राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल करेंगे। रिज मैदान पर यह समारोह 11 बजे होगा। इस अवसर पर सभी जिलों के लोक कलाकार भी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम (Colorful cultural program) की प्रस्तुति देंगे। 

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76 साल में 7 से 82.80 फीसदी पहुंची साक्षरता दर-
15 अप्रैल, 1948 में पंजाब और शिमला के 30 पहाड़ी राज्यों के विलय के बाद अस्तित्व में आए हिमाचल प्रदेश ने अब तक कई मुकाम छुए हैं। हर क्षेत्र में शून्य से शुरुआत करने वाला हिमाचल आज हर क्षेत्र में आगे है।


1948 में हिमाचल प्रदेश में साक्षरता दर सात फीसदी थी, जो कि आज 76 साल बाद 82.80 फीसदी तक पहुंच चुकी है। प्रदेश में तीन एयरपोर्ट हैं, जिनकी 1948 में संख्या शून्य थी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी प्रदेश ने अग्रणी मुकाम हासिल किया है। शून्य से शुरुआत करने वाले हिमाचल में अब एक एम्स, एक सेटेलाइट पीजीआई (Satellite PGI) सहित पांच मेडिकल कॉलेज, पांच डेंटल कॉलेज, कई नर्सिंग और फार्मेसी कॉलेज हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल के पास एक ट्रिपल आईटी, एक आईआईटी, तीन स्वायत इंजीनियरिंग संस्थान और दर्जनों इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering institutes and dozens of engineering colleges) हैं। यहां पर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे राज्यों के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। वर्ष 1948 में हिमाचल के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 240 रुपये थे, जो कि मौजूदा समय में 2,35,199 रुपये पहुंच चुकी है।

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कब किसके हाथ में रही सत्ता की डोर-
1948 से लेकर हिमाचल ने लंबी यात्रा तय की है। प्रदेश ने कई सरकारें देखीं। इसने राज्य को आर्थिक निर्भरता की ओर अग्रसर किया है। पहाड़ी भाषा, भौगोलिक आधार और संस्कृति (Geographical basis and culture) के दर्शन से हिमाचल की एक अलग पहचान बनाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक यशवंत सिंह परमार 1952 से 1977 तक हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री रहे। ठाकुर राम लाल 1977 और 1980 में दो बार मुख्यमंत्री बने। शांता कुमार 1977 और 1990 में दो बार ढाई-ढाई वर्ष के लिए सत्ता में रहे। वीरभद्र सिंह 1985, 1993, 2003, 2012 और 2017 में रिकॉर्ड छह बार मुख्यमंत्री रहे। इस बीच 1998 और 2007 में प्रेम कुमार धूमल ने सत्ता संभाली। 2017 में जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने। 2023 से सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) सत्ता में हैं।

हिमाचल का इतिहास-
स्वतंत्रता से पहले छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित प्रदेश 15 अप्रैल, 1948 संस्कृत के ‘हिमा’ (बर्फ) और ‘अचला’ (पर्वत) के संधि से उत्पन्न शब्द हिमाचल भारत का एक कमिश्नर प्रोविंस (Commissioner Province) बना। पंजाब और शिमला के 30 पहाड़ी राज्यों जैसे भगत, भज्जी, बाघल के भारतीय संघ में विलय के परिणामस्वरूप भारतीय संघ (कमिश्नर प्रोविंस) के एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। बेजा, बलसन, बुशहर, चंबा, दरकोटी, देलथ, ढाडी, धामी, घुंड, जुब्बल, खनेटी, क्योंथल, कोटी, कुमारसैन, कुनिहार, कुठार, मंडी मधान, महलोग मांगल, रतेश, रेविनीगढ़, सांगरी, सिरमौर, सुकेत, थरोच, और ठियोग रियासतों को भी शामिल किया गया। उस समय राज्य में चार जिले चंबा, महासू, मंडी और सिरमौर (Mandi and Sirmaur) थे। इसका क्षेत्रफल 27,16,850 हेक्टेयर था। भारतीय संविधान लागू होने के साथ 26 जनवरी, 1950 को हिमाचल प्रदेश ‘ग’ श्रेणी का राज्य बन गया। 1954 में 31वीं रियासत को हिमाचल के साथ एकीकृत किया गया। इससे 1,06,848 हेक्टेयर क्षेत्र के साथ एक और जिला जुड़ गया।

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हिमाचल प्रदेश, एक जुलाई 1956 में केंद्रशासित प्रदेश बना। 1966 में प्रशासनिक कारणों से महासू जिले से अलग होकर किन्नौर का एक नया सीमावर्ती जिला बनाया गया। 1 नवंबर, 1966 को पंजाब राज्य (Punjab State) के पुनर्गठन के साथ चार और पहाड़ी जिले कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और शिमला, अंबाला जिले की नालागढ़ तहसील, होशियारपुर जिले की ऊना तहसील के कुछ हिस्से और गुरदासपुर जिले के डलहौजी (dalhousie) को हिमाचल में मिलाया गया। इससे इसका क्षेत्रफल लगभग 100 प्रतिशत बढ़ गया। 25 जनवरी, 1971 को इस प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। एक सितंबर, 1972 को कांगड़ा जिले से दो और जिले, हमीरपुर और ऊना बनाए गए। महासू जिले को हटाकर सोलन को भी एक जिले का नाम दिया गया।