Delhi news : दिल्ली में शराबो के ठेकों पर केजरीवाल का बड़ा बयान, जानिये लाइसेसं रिन्यू के लिए अगला प्लान
Alcohol Sale in Delhi : शराब पीने वालो के लिए एक शानदार और बड़ी खबर बता दे कि शराब को लेकर दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला है खबरों के मुताबिक हम बता दे कि लाइसेसं रिन्यू का टाइम बढ़ाने का फैसला लिया गया है जो लोग शराब की प्राइवेट दुकान के खुलने का इंतजार कर रहे है उन्हें अब और इन्तजार करना पड़ेगा क्योंकि अरविन्द सरकार ने निति को ही 6 महीने बढ़ाने का फैसला लिया है जानते है पूरी जानकारी न्यूज़ में-केजरीवाल
HARYANA NEWS HUB : दिल्ली में जो लोग शराब की प्राइवेट दुकानों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं उन्हें कुछ और वक्त सब्र करना पड़ सकता है क्योंकि अरविंद केजरीवाल सरकार ने मौजूदा नीति को ही अगले छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है।
इसके तहत दिल्ली में केवल सरकारी दुकानों के जरिए ही शराब की बिक्री होगी। सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा नीति को के बाद आगे बढ़ाने के लिए फाइल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंजूरी के लिए भेजी गई है।
सूत्रों ने बताया, 'फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर (signature) के बाद इसे एलजी वीके सक्सेना के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।' सीएम और एलजी की मंजूरी के बाद छह महीने के लिए लाइसेंस रिन्यू किए जाएंगे।
दिल्ली में नई शराब नीति में घोटाले के आरोप लगने के बाद केजरीवाल सरकार ने इसे खत्म कर दिया था और पुरानी नीति को ही लागू कर दिया था। नीति को पहले छह महीने के लिए लागू किया था जब तक विभाग 2023-24 के लिए नई नीति बनाए।
छह महीने की अवधि 30 सितंबर को खत्म होने जा रही है। लेकिन अभी तक नई नीति तैयार नहीं होने की वजह से पुराने नियमों को ही और छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है।
इस समय दिल्ली में शराब की 652 दुकानें हैं जिन्हें चार सरकारी निकायों डीएसआईआईडीस, डीटीटीडीसी, डीएससीएससी, डीसीसीडब्ल्यूएस के जरिए चलाया जा रहा है।
शराब के शौकीनों को कुछ बेहतर अनुभव देने के लिए 48 प्रीमियम दुकाने भी खोली गई हैं। इन्हें बड़े बाजार और मॉल्स में खोला गया है।
इनमें से अधिकतर दुकानें मॉल और अहम बाजार जैसे सीपी (CP), साकेत, वसंतकुंज (Vasantkunj), मयूर विहार (myur vihar), साउथ एक्सटेंशन, खान मार्केट (khan market), आईएनए, लोधी कॉलोनी और ग्रेटर कैलाश में हैं।
पिछले एक साल में आबकारी विभाग को दिल्ली में 7,285 करोड़ रुपए की आमदनी की है, जिसमें 2013.44 करोड़ रुपए का वैट कलेक्शन शामिल है।