Chhattisgarh Liquor Scam Case News : छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व IAS समेत बेटा गिरफ्तार
HARYANA NEWS HUB (ब्यूरो) : छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. शनिवार (20 अप्रैल, 2024) को ईडी ने इस मामले में रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया. करीब 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस शराब घोटाले में ED ने 8 अप्रैल को चार्जशीट दायर की थी.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. शनिवार (20 अप्रैल, 2024) को ईडी ने इस मामले में रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया. करीब 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस शराब घोटाले में ED ने 8 अप्रैल को चार्जशीट दायर की थी आइए जानते है पूरी जानकारी नीचे दिए गए आर्टिकल में...
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे को पूछताछ करने पचपेड़ी नाका स्थित ईडी के सब जोनल कार्यालय ले जाया गया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों शराब घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों को खारिज करते हुए मनी लांड्रिंग के केस को रद्द कर दिया था.
जवाब में ईडी ने शराब घोटाला मामले में नए सिरे से इंन्फोसर्मेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) रजिस्टर्ड कर मामले की नए सिरे से जांच शुरू की. ईसीआईआर में अनील टूटेजा और उनके बेटे का भी नाम शामिल है. जिसके चलते दोनों को हिरासत में लिया गया है.
ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों कर रही जांच :
शराब घोटाला मामले की जांच ईडी के प्रतिवेदन के बाद ईओडब्ल्यू ने शुरू कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट से केस रद्द होने के बाद ईडी ने नई एफआईआर दर्ज करवाई. अब दोनों जांच एजेंसी शराब घोटाले की जांच कर रही हैं. पूर्व में दर्ज एफआईआर (FIR) में 70 लोगों का नाम है. शराब घोटला को लेकर जेल से जमानत पर रिहा होने के तत्काल बाद तीन अप्रैल को ईओडब्लू की टीम ने अरविंद सिंह और उसके दूसरे दिन अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया. वहीं आबकारी विभाग के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को बिहार से गिरफ्तार किया है, जो 25 अप्रैल तक ईओडब्लू की रिमांड पर है.
भागने की फिराक में थे पिता-पुत्र :
अनिल टूटेजा और उनके बेटे को ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया था. इसके बाद ईडी की छह सदस्यीय टीम बाहर मौजूद थी. दोनों का ईओडब्ल्यू कार्यालय से निकलने का इंतजार किया. सूत्रों के मुताबिक अनिल टूटेजा तथा यश ईओडब्लू कार्यालय से जैसे ही बाहर निकले, उनकी नजर ईडी के अफसरों पर पड़ गई. इसके बाद वह भागने की फिराक में रास्ता खोजने लगे. कुछ समझ में नहीं आया तो वह फिर ईओडब्ल्यू के कार्यालय में चले गए. 20 मिनट तक चले ड्रामें के बाद टीम अपने साथ लेकर चली गई.