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पति को बगैर तलाक दिए क्या पत्नी गैर मर्द के साथ रह सकती है? जानिए High Court का फैसला

Allahabad High Court : पति पत्नी का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता होता है। जो कि एक कच्चे धागे कि तरह होता है। इसलिए इस रिश्ते में प्यार और विश्वास का होना जरूरी होता है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि पति को बगैर तलाक दिए क्या पत्नी दूसरे मर्द के साथ रह सकती है या फिर नहीं? इस बारे में आइए नीचे आर्टिकल में जानते है हाईकोर्ट का फैसला.

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पति को बगैर तलाक दिए क्या पत्नी गैर मर्द के साथ रह सकती है? जानिए High Court का फैसला

HR NEWS HUB (ब्यूरो) : इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court ) ने लिव इन रिलेशनशिप( relationship ) से जुड़े एक मामले में सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा है कि हिन्दू विवाह अधिनियम( Hindu Marriage Act ) के मुताबिक यदि पति-पत्नी जीवित हैं और तलाक नहीं लिया गया है, तो उनमें से कोई भी दूसरी शादी नहीं कर सकता। 

कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि कानून के खिलाफ रिश्तों को अदालत का समर्थन नहीं मिल सकता। हाईकोर्ट ( High Court ) इसी तल्ख टिप्पणी के साथ लिव इन रिलेशनशिप( live-in relationship ) में रहने वाली विवाहिता की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने अर्जी खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ताओं पर दो हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया।

कोर्ट ने खारिज की याचिका :

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जस्टिस रेनू अग्रवाल ने कासगंज की एक विवाहिता व अन्य की याचिका खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट( Court  ) ने कहा कि विवाहित महिला अपने पति से तलाक लिए बिना किसी अन्य के साथ लिव इन में नहीं रह सकती। ऐसे रिश्तों को मान्यता देने से समाज में अराजकता बढ़ेगी और देश का सामाजिक ताना-बाना तहस नहस हो जाएगा। 

विवाहिता और लिव इन रिलेशनशिप ( relationship ) में उसके साथ रहने वाले प्रेमी ने सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में कहा गया था दोनों याची लिव इन पार्टनर हैं। उन्होंने कासगंज जिले के एसपी से सुरक्षा की मांग की थी। कोई सुनवाई न होने पर यह याचिका दाखिल गई। 

शादीशुदा होने के बावजूद लिव इन रिलेशन :

सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि लिव इन रिलेशनशिप ( live-in relationship ) में रहने वाली महिला और उसका प्रेमी दोनों ही पहले से शादीशुदा हैं। दोनों अपने जीवनसाथियों को छोड़कर सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने के लिए लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। याचिका का प्रेमी युवक की पत्नी द्वारा विरोध भी किया गया। अदालत में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े के पहले से शादीशुदा होने के सबूत भी पेश किए गए।

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अदालत में सुनवाई के दौरान यह भी साफ हुआ कि दोनों में से किसी याची का अपने पति या पत्नी से तलाक नहीं हुआ है। विवाहिता याची दो बच्चों की मां है और दूसरे याची के साथ लिव इन में रह रही है। कोर्ट ने इसे कानून के खिलाफ माना और सुरक्षा देने से इंकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया।